हाथ नहीं तो पैर से दी परीक्षा, बिहार के इस युवा के जज्बे को सलाम, भविष्य में बनना चाहते हैं IAS

बिहार के युवाओं में प्रतिभा की कमी नहीं है। बिहार के युवा ने ऐसा करके दिखाया है जिसे देखने के बाद आप बिना तारीफ किए नहीं रह पाएंगे। मुंगेर जिले के इस दिव्यांग ने मिसाल पेश कर दिया है। दोनों हाथ गंवा देने के बाद भी नंदलाल ने पढ़ाई नहीं छोड़ा और अब पैरों से लिखकर ग्रेजुएशन की परीक्षा दे रहा है। नंदलाल भविष्य में आईएएस अधिकारी बनकर देश की सेवा करना चाहता है।

Munger Divyang Nandlal

बता दें कि बिहार के मुंगेर जिले के आरएस कॉलेज में इन दिनों स्नातक की परीक्षा आयोजित हो रही है। इसमें एक छात्र के जज्बे को हर कोई सेल्यूट कर रहा है। पूरे जिले में चर्चा का केंद्र बन गया है। दिव्यांग नंदलाल दोनों पैर के सहयोग से एग्जाम दे रहा है। दोनों हाथ नंदलाल पहले ही गंवा चुके हैं। पढ़ने की चाहत और आईएस बनने के सपने को हकीकत में बदलने के लिए नंदलाल ने मजबूरियों के आगे घुटने नहीं टेका। नंदलाल का घर बिहार के मुंगेर के खड़कपुर नगर के संत टोला में है।

Munger Divyang Nandlal

पिता चलाते हैं दुकान

 दिव्यांग नंदलाल स्नातक प्रथम वर्ष का एग्जाम जिले के आरएस कॉलेज तारापुर में दे रहा है। पिता का नाम अजय साह है। वह एक छोटी सी दुकान चलाकर परिवार की जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं। दिव्यांगता और गरीबी से लड़ रहे नंदलाल ने अपने बुलंद हौसलों के बलबूते पढ़ाई को जारी रखा है। परिवार की वित्तीय स्थिति जर्जर होने की वजह से काफी परेशानी है। इसके बावजूद नंदलाल ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा है। लक्ष्य को हासिल करने की लालसा को इस दिव्यांग ने ठानी है। बता दें कि नंदलाल साल 2019 में इंटरमीडिएट की परीक्षा विज्ञान संकाय से फर्स्ट डिवीजन से पास हो चुके हैं। उन्हें 500 अंकों में से 325 अंक हासिल हुए थे। गणित में 60, भौतिकी में 67 एवं रसायन में 73 अंक हासिल हुए थे। वहीं, साल 2022 में स्नातक में इकोनॉमिक्स विषय की परीक्षा पैर के सहारे दे रहे हैं।

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