अधुरी रह गई मुलायम सिंह यादव की ये ख्वाहिश, अपनों ने ही तोड़ा हर बार सपना

Mulayam Singh Yadav: सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने सोमवार को सुबह तड़के दुनिया को अलविदा कह दिया। मुलायम सिंह यादव ने 82 साल की उम्र में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। नेताजी का राजनीतिक सफर काफी लंबा और बुलंदियों भरा रहा। मुलायम सिंह यादव तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहें। इसके अलावा विदेश के रक्षा मंत्री का पदभार भी संभाल चुके हैं। मुलायम सिंह यादव 8 बार विधायक और 4 बार सांसद रहें। हालांकि इन सबके बावजूद उनका एक सपना एक ख्वाहिश अधूरी रह गई। वह देश के प्रधानमंत्री बनते-बनते चूक गए, वह भी एक बार नहीं दो-दो बार… इस बात की कसक उन्हें ताउम्र रही, क्योंकि उनके इस सपने को तोड़ने वाले उनके ही कुछ अपने ही थे।

साल 1996 में पहली बार पीएम बनने से चुके

मुलायम सिंह यादव साल 1996 में पहली बार पीएम बनते-बनते रह गए। इस दौरान लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद बीजेपी की ओर से अटल बिहारी वाजपेई ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, क्योंकि इस चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा 161 सीटें हासिल की थी, लेकिन बहुमत से दूर होने के चलते 13 दिन बाद ही अटल बिहारी वाजपेई को पद से इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद यह सवाल खड़ा हुआ कि अब नई सरकार कौन बनाएगा… इन हालातों में कांग्रेस के पास 141 सीटें थी, लेकिन कांग्रेस गठबंधन सरकार बनाने के पक्ष में नहीं थी।

हालात ऐसे आ गए कि विपक्ष के साथ मिलकर गठबंधन से सरकार बनानी पड़ी। इस दौरान पहले वीपी सिंह और फिर बंगाल के तत्कालीन सीएम ज्योति बसु का नाम सामने आया, लेकिन वीपी सिंह ने पीएम बनने से इंकार कर दिया तो वही ज्योति बसु के नाम पर लोग एकजुट नहीं हुए। इसके बाद लालू प्रसाद यादव और मुलायम सिंह का नाम आगे आया, लेकिन लालू प्रसाद यादव का नाम पहले से चारा घोटाला में था इसलिए उन्हें भी लिस्ट से बाहर कर दिया गया।

आखिर में मुलायम सिंह यादव अकेले बचे उनका प्रधानमंत्री बनना इस समय तय माना जा रहा था। उनके घर पर पार्टी के समर्थकों की भीड़ भी इक्ट्ठा होने लगी थी। लालू प्रसाद यादव और शरद यादव ने उनके प्रधानमंत्री बनने का विरोध किया इसके चलते मुलायम सिंह यादव के प्रधानमंत्री बनने पर सहमति बनते-बनते नहीं बन पाई और वह एक बार फिर रेस से बाहर हो गए, जिसके बाद एचडी देवगोडा ने प्रधानमंत्री पदभार संभाला और मुलायम सिंह यादव उनके मंत्रिमंडल में रक्षा मंत्री बनें।

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दूसरी बार 1999 में प्रधानमंत्री बनने से चूके

साल 1999 में लोकसभा चुनाव हुए तो मुलायम सिंह यादव संभल और कन्नौज सीट से जीतकर लोकसभा पहुंचे इस दौरान उनका नाम एक बार फिर प्रधानमंत्री पद के लिए आगे आया, लेकिन अन्य नेताओं ने उनके नाम को लेकर समर्थन नहीं दिया और इस बार भी वह प्रधानमंत्री बनने से चूक गए। मुलायम सिंह यादव दो-दो बार प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचते-पहुंचते दौड़ से अचानक बाहर हुए। उनके मन की यह ख्वाहिश दो बार अधूरी रह गई, जिसका जिक्र उन्होंने कई बार किया था। उन्होंने एक बार तो साफ शब्दों में कहा था कि वह प्रधानमंत्री बनना चाहते थे, लेकिन लालू प्रसाद यादव, शरद यादव, चंद्रबाबू नायडू और वीपी सिंह के कारण वे प्रधानमंत्री नहीं बन पाए।

मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक पद सफरनामा

तीन दशकों से ज्यादा राजनीति में सक्रीय रहें मुलायम सिंह यादव का सफर कई पदों से होकर गुजरा, जिसमें वह 8 बार (1967, 1974, 1977, 1985, 1989, 1991, 1993 और 1996) विधायक रहे और तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री (1989-91, 1993-95, 2003-2007 तक) पद पर काबिज हुए। इसके अलावा वह वे 1996, 1998-99, 1999 , 2004, 2009, 2014 और 2019 में 7 बार सांसद भी रहे। नेताजी ने 1996 में देश के रक्षा मंत्री का भी पदभार संभाला था।

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