देश के अन्नदाताओं यानी किसानों को स्पेशल पहचान पत्र यानि यूनिक आईडी(unique ID) देने की प्रक्रिया में केंद्र सरकार(Central Government) लगातार काम कर रही है। इस कड़ी में अब तक 11.5 करोड किसानों में से लगभग साडे पांच करोड़ किसानों(Farmers) का डेटाबेस सरकार द्वारा तैयार कर लिया गया है, जिन्हें जल्द ही 12 अंकों का पहचान पत्र दे दिया जाएगा। इस कड़ी में मंगलवार को लोकसभा में एक लिखित सवाल का जवाब देते हुए खुद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर(Narendra Singh Tomar) ने इस बात की जानकारी साझा की।
यूनिक आईडी से मिलेगा योजनाओं का लाभ
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा साझा जानकारी के मुताबिक इस विशिष्ट पहचान पत्र यानि unique ID की मदद से किसानों की सारी समस्याओं का निवारण करने की दिशा में कार्य किया जाएगा। इसके माध्यम से किसान केंद्र व राज्य सरकारों से विभिन्न योजनाओं का लाभ बिना किसी परेशानी के उठा सकेंगे। यूनिक आईडी के जरिए किसान डायरेक्टर योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे र उन्हें अपने कामों के लिए अब से बिचौलियों की जरूरत नहीं पड़ेगी।
KYC के जरिये होगी जांच
गौरतलब है कि पहचान पत्र बनाने की योजना में ई-नो योर फार्मर्स (ई-केवाईएफ) के माध्यम से किसानों के सत्यापन का प्रावधान किया जाएगा। इससे विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को अलग-अलग दफ्तरों में जाकर अपने दस्तावेज की कॉपी जमा कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
जल्द से जल्द मिलेगा लाभ
किसान यूनिक आईडी की जानकारी साझा करते हुए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि- देश में कुल 11.5 करोड़ किसानों में से साढ़े 5 करोड़ किसानों का डेटाबेस अब तक तैयार कर लिया गया है। बाकी के डाटा पर भी तेजी से काम चल रहा है, जिन किसानों को प्रधानमंत्री कल्याण निधि योजना से साल में 3 बार 2000-2000 की किस्त मुहैया कराई जाती है, उन सभी किसानों को इस आईडी का लाभ जल्द से जल्द मिलेगा।
बता दे इन योजनाओं द्वारा किसान के कल्याण के साथ-साथ कृषि क्षेत्र के लिए भी सरकार कई योजनाएं लाने वाली है। इन योजनाओं में केंद्र एवं राज्य सरकार दोनों का उद्देश्य किसानों की जरूरतों को पूरा करना है। मौजूदा समय में किसी भी योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। ऐसे में इस पहचान पत्र के बन जाने के बाद इन योजनाओं का लाभ उन्हें आसानी से और जल्दी मिल सकेगा।
बिचौलियों का कारोबार होगा बंद
यह बात सभी जानते हैं कि कृषि योजनाओं में कई तरह के घपले सामने आते हैं और बाद में मामला तूल पकड़ने लगता है। किसानों को मिलने वाला फायदा बिचौलिए और ठग ही खा जाते हैं। ऐसे में इस पहचान पत्र के बन जाने से ऐसे लोगों से किसानों को निजात मिलेगी और वह खुद अपनी हर योजना का लाभ सीधे उठा सकेंगे। डिजिटल कृषि मिशन की दिशा में कार्यरत केन्द्र सरकार कृषि क्षेत्र में जल्द से जल्द पारदर्शिता लाने की ओर प्रयासरत है।
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