बिहार कैबिनेट मीटिंग मे लिए गए कई बड़े फैसले, पंचायत चुनाव के लिए है काफी अहम, जाने

बिहार डेस्क : बिहार में होने वाले ग्राम पंचायत चुनाव में जो भी सरकारी कर्मचारी ड्यूटी देते वक्त अगर कोरोना के कारण अपनी जान गँवा देते हैं तो उनके परिवार को सरकार की ओर से 30 लाख रूपए का मुआवजा मिलेगा। अगर वहां पर उग्रवादी हिंसा हो जाती है तो इस पर भी 30 लाख का मुआवजा सरकार की ओर से परिवार को दिया जाएगा। ऐसे में अगर सामान्य स्थिति में मौत हो जाए तो 15 लाख रुपए की धनराशि दी जाएगी और अपंगता का शिकार अगर कोई सरकारी कर्मचारी हो जाता है तो उसको 7.50 लाख का मुआवजा मिलेगा।

हाल ही में हुई मंत्रिमंडल की मीटिंग में यह सभी बातें कहीं गई और उनपर सभी मंत्रियों की सहमति से मुहर लगा दी। मंत्रिमंडल के अपर सचिव संजय कुमार ने बताया कि जिस तरीके से आम चुनाव में मुआवजे का प्रावधान है उसी तरीके से ग्राम पंचायत के चुनाव में भी मुआवजे का प्रावधान किया गया है। इसके अंदर सभी सरकारी कर्मचारी जैसे केंद्रीय फोर्स के जवान, वाहन चालक, अफसर, ग्राम रक्षा दल के सदस्य, पुलिस पदाधिकारी, पीठासीन पदाधिकारी होंगे। इसकी सारी देखरेख और जिम्मेदारी जिला अधिकारी की होगी।जिला अधिकारी की अनुशंसा पर ही मुआवजे की राशि दी जाएगी।

परिवहन विभाग ने लिया ये फैसला

मंत्रीमंडल की ओर से परिवहन विभाग के लिए भी अच्छी खबर है जहां पर व्यवसायिक वाहन चालकों को अच्छी खबर सुनने को मिली है। अगर किसी भी वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट खत्म हो जाता था तो उसके ऊपर हर दिन ₹50 चार्ज लगता था। ऐसे में अब इस प्रमाण पत्र की वैधता को 23 सितंबर 2021 तक के लिए कर दिया गया है और जो चार्ज लगता था, उसको घटाकर ₹10 कर दिया गया है अगर व्यवसाइक ट्रैक्टर का फिटनेस प्रमाण पत्र खत्म हो जाता है तो उस पर पंद्रह रूपए और चार पहिया वाहन के 20 रूपए लगेगा। ऐसे में अगर कोई और भारी व्यवसाइक वाहन है तो उसके लिए ₹30 का चार्ज लगेगा। मंत्री मंडल प्रमुख संजीव कुमार ने कहा कि जो भी वाहन डिफॉल्टर हो गए थे उनको अब दोबारा से नियमित किया जाएगा।

बालू के खनन पर आया ये फैसला

कैबिनेट में बालू बंदोबस्तधारियों के हक में भी फैसला सुनाया है जहां पर बालू घाटों की बंदोबस्ती 31 मार्च को खत्म हो रही थी लेकिन अब उसको बढ़ा दिया गया है। बालू खनन कार्य के लिए 50% अधिक राशि दी जाएगी और इस कार्य का विस्तार 30 सितंबर 2021 तक किया जाएगा। बता दें कि अगर सरकार यह फैसला ना लेती तो बिहार में हो रहा बालू का कार्य 1 अप्रैल 2021 से ही बंद हो जाता और बाजार में कीमतें बढ़ जाती। ऐसे में सरकार ने इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की और एक बड़ा फैसला लेकर सभी बालू बंदोबस्त धारियों को खुशखबरी दी है

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इथेनॉल उत्पादन पर काही ये बात

बिहार इस वक्त इथेनॉल का गढ़ माना जा रहा है। मंत्रिमंडल ने कहा है कि निवेश के तहत तीन अलग-अलग प्रस्तावों पर ध्यान दिया जाएगा। मेसर्स मगध शुगर एंड एनर्जी लिमिटेड गोपालगंज के सिधवलिया में 75 केएलपीडी क्षमता में रोल बनाने वाली यूनिट लगाई जाएगी यहां पर जो कंपनी मौजूद होगी उस पर 133 करोड रुपए का निवेश किया जाएगा। गया में पहले से मौजूद मेसर्स सा विष्णु बेकर प्रा. लि. आलू चिप्स 3000 टीपीए, टकाटक एवं अन्य 3900 की क्षमता बढ़ाकर 9000 टीपीए व 4200 टीपीए कर दी जाएगी और इसके लिए 38.26 करोड़ का निवेश होगा।

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