Makar Sankranti Date: मकर संक्रांति हिंदुओं का एक प्रमुख त्यौहार है.पौष मास में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तब यह पर्व मनाया जाता है. इस साल मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाया जाएगा और मकर संक्रांति से ही ऋतु परिवर्तन होने लगेगा. इस दिन दान पुण्य का विशेष महत्व है यही वजह है कि कई जगह पर इस त्यौहार के दिन खिचड़ी बनाया जाता है और इसे खिचड़ी पर्व कहा जाता है.
इन चीजों का करें दान
इस दिन से उत्तरायण प्रारंभ होता है.शास्त्रों के अनुसार इस दिन कंबल, सोना, ऊनी वस्त्र, अन्न आदि का दान करना चाहिए। इससे अनंत फल मिलता है. आमतौर पर शुक्र का उदय भी लगभग इसी समय होता है इसलिए यहां से शुभ कार्यों की शुरुआत होती है. बनारस से प्रकाशित ऋषि कि पंचांग के अनुसार इस दिन पौष शुक्ल पंचमी है.
क्यों एक दिन बढ़ गया मकर संक्रांति- Makar Sankranti Date
इस दिन सतविक्षा नक्षत्र और चंद्रमा की स्थिति कुंभ राशि पर है. इसी दिन सूर्य धनु राशि का परित्याग कर सुबह 9:13 पर मकर राशि में प्रवेश करेगा. ग्रहों के राजा सूर्य 15 जनवरी को राशि परिवर्तन करेंगे. सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे और ऐसे में अब 2080 तक मकर संक्रांति 15 जनवरी को ही मनाई जाएगी.
इसके बाद फिर ज्योतिष गणना के अनुसार मकर संक्रांति एक दिन आगे बढ़ जाएगी. यानी सूर्य की राशि परिवर्तन हर वर्ष 16 जनवरी को होगा. हर साल सूर्य की राशि परिवर्तन में 20 मिनट का विलंब होता है. इस प्रकार 3 वर्षों में यह अंतर 1 घंटे का होता है. 72 वर्षों में 24 घंटे का फर्क आ जाता है. सूर्य और चंद्र ग्रह मार्ग होते हैं और यह पीछे नहीं चलते इसलिए एक दिन बढ़ जाता है.
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मकर संक्रांति के दिन पौष शुक्ल पंचमी है और इस दिन सतविक्षा नक्षत्र और चंद्रमा की स्थिति कुंभ पर रहती है. इसी दिन सूर्य धनु राशि का परित्याग कर सुबह 9:13 पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे. इस दिन अमृत नामक औदायिक योग बन रहा है. अमृत योग में मकर संक्रांति होने से इस दिन किया गया दान पुण्य काफी पुण्य करी होता है .
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