नहीं बजेगा DJ, ना ही होगा गंगा में प्रतिमा विसर्जन, जानें सरस्वती पूजा का प्रशासन की पूरी गाइडलाइन

राजधानी पटना समेत पूरे बिहार में सरस्वती पूजा बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है। लेकिन इस बार पटना जिला प्रशासन ने विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस बार आयोजकों को सरस्वती पूजा का आयोजन काफी कड़े नियमों के साथ करने होंगे। मूर्ति स्थापना से लेकर मूर्ति विसर्जन तक के लिए अलग-अलग नियम बनाए गए हैं। आपको बता दें कि सरस्वती पूजा का स्थापना 17 फरवरी को होना है।

पटना सहित पूरे बिहार में बड़े पैमाने पर सस्वती पूजा का आयोजन किया जाता है। ऐसे में सरस्वती पूजा के विसर्जन के दौरान डीजे के साथ-साथ पटाखे का भी इस्तेमाल होता है और इसमें ज्यादातर युवा शामिल होते हैं। इसी को देखते हुए पटना के डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में पूजा से पहले एक महत्वपूर्ण बैठक की गई।

इस बैठक में सरस्वती पूजा को लेकर कई गाइडलाइन जारी की गई। इसके साथ ही लॉ एंड ऑर्डर के नियमों को भी शामिल किया गया। बैठक के बाद विश्वविद्यालय और कॉलेज प्रशासन को निर्देश दिया गया कि कोविड-19 को देखते हुए किसी भी स्कूल कॉलेज या महाविद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाएगा।

जुलूस के दौरान सरकार द्वारा जारी किए गए कोविड-19 और लॉ एंड ऑर्डर की गाइड लाइन का हर हाल में पालन किए जाने के बाद दोहराई गई। इसके साथ ही जुलूस के दौरान अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन और डीजे बजाये पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की भी बात कही गई।

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पटना के डीएम ने पूजा से पहले सभी क्षेत्रों के डीएसपी, थाना प्रभारी और एसडीओ को अपने-अपने इलाकों में शांति समिति की बैठक का निर्देश दिया। सामूहिक पूजा स्थलों पर मास्क के अलावा सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजर का भी ध्यान रखने का निर्देश दिया गया है। जिला प्रशासन के मुताबिक सरस्वती पूजा के दौरान कहीं भी ऐसे कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति नहीं दी जाएगी जिसमें भीड़-भाड़ हो।

जिला प्रशासन के गाइडलाइन के मुताबिक मूर्ति विसर्जन को लेकर इस बार पटना के गंगा नदी में भी पूरी तरह से रोक रहेगी। आपको बता दें कि असामाजिक तत्वों पर पुलिस की विशेष नजर रहेगी। पूजा के बाद विसर्जन के लिए 17 फरवरी की तारीख निर्धारित की गई है।

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