क्या है जमीन के बदले जॉब मामला, जिसमें लालू यादव समेत 14 लोगों की फिर बढ़ी मुश्किलें, CBI ने फिर कसा शिकंजा

Land For Job Scam: लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) जल्द ही एक बार फिर से आरजेडी (RJD) के अध्यक्ष बनने वाले हैं। हालांकि उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से पहले ही एक बार फिर उनका नाम उनके पुराने विवाद के चलते सुर्खियों में आ गया है। दरअसल जमीन के बदले जॉब देने के मामले में सीबीआई (CBI On Land For Job Scam) ने नई चार्जशीट दाखिल कर दी है। वहीं केंद्रीय जांच एजेंसी ने लैंड फॉर जॉब्स स्कैम में लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी (Rabri Devi) और बेटी मीसा भारती (Misa Bharti) सहित 16 लोगों को इस मामले में आरोपी ठहराया है। ऐसे में लालू प्रसाद यादव के परिवार के साथ-साथ उनके पार्टी की साख ही मुश्किलों में पड़ गई है।

फिर मुश्किल में फंसा लालू परिवार

बता दे लालू प्रसाद यादव फिर से जल्द ही राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध के तौर पर निर्वाचित हो गए हैं। 9 से 10 अक्टूबर को दिल्ली में होने वाली आरजेडी के अधिवेशन में इस बात की आधिकारिक तौर पर घोषणा भी की जाएगी। आरजेड़ी के अधिवेशन से पहले लैंड फॉर जॉब्स के स्कैम में सीबीआई की चार्जशीट के चलते बिहार के राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।

कब का है जमीन के बदले जॉब का मामला

बिहार की सियासत में एक बार फिर गूंज रहा जमीन के बदले जॉब का मामला साल 2004 से 2009 के बीच का है। जब लालू प्रसाद यादव यूपीए सरकार ने रेल मंत्री का पदभार संभाल रहे थे। इस दौरान लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे। रेल मंत्री रहते हुए उन्होंने रेलवे में कई लोगों को नियमों के खिलाफ जाकर नौकरियां दिलाई थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसके बदले उन्होंने उन लोगों से उनकी जमीन अपने-अपने परिवार के और अपनी करीबियों के नाम लिखवाई थी।

क्या है लैंड फॉर जॉब्स स्कैम

सीबीआई द्वारा दायर चार्जशीट में जिन लोगों पर आरोप लगाया गया है उनमें लालू प्रसाद याद,व राबड़ी देवी, उनकी बेटी मीसा भारती सहित 16 लोगों का नाम शामिल है। सीबीआई द्वारा इस चार्जशीट में जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है उनमें से कुछ ऐसे भी हैं, जिन्हें नौकरी दी गई थी। आरोप के मुताबिक जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री का पदभार संभाल रहे थे तो उन्होंने पहले लोगों को अस्थाई तौर पर नौकरी दी थी।

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हैरान करने वाली बात यये है कि यह नौकरी रेलवे में बिना किसी विज्ञापन के निकाली गई थी। अस्थाई तौर पर नियुक्ति करने के बाद नौकरी लेने वालों से उनकी जमीन गिफ्ट करवाई गई। यह जमीन लालू प्रसाद यादव, उनके परिवार और उनके करीबियों के नाम लिखवाई गई थी। जमीन नाम लिखवाने की प्रकिया पूरी होने के बाद अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई कर दिया गया था। लालू ने सैकड़ों संबंधियों और करीबियों को इस तरह रेलवे में नियुक्त किया।

कौन है लालू के करीबी भोला यादव

वहीं इस मामले में लालू प्रसाद यादव के ओएसडी रहे भोला यादव को सीबीआई ने कुछ महीने पहले ही गिरफ्तार किया था। ऐसे में बताया जा रहा है कि भोला ही लैंड फॉर जॉब्स स्कैम के मुख्य कर्ताधर्ता है। उन पर इस मामले के साथ-साथ आय से अधिक संपत्ति होने के भी आरोप लगे हैं। इस मामले में बीते दिनों सीबीआई ने पटना सहित काफी जगहों पर छापेमारी की, जिसमें उन्हें कई सेल एंड गिफ्ट डीड मिले थे।

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