की-बोर्ड में ABCD को क्यों होता है उल्टा-पुलटा, एक लाइन मे क्यों नहीं होता सेट; जाने इसके पीछे की वजह

Keyboard interesting facts : पीसी और लैपटॉप का इस्तेमाल करते हुए उस पर लिखने के लिए की-बोर्ड का प्रयोग किया जाता है। जब भी हम की-बोर्ड का इस्तेमाल करते हैं तब यह सवाल हर बार हमारे जहन में हर बार घूमता है कि आखिर की-बोर्ड पर लगे इन बटन को अल्फाबेट के सीक्वेंस में क्यों नहीं लगाया जाता, जिससे इस्तेमाल करने में आसानी हो। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस ऑर्डर में इन कीज को सेट किया गया है, असल में इसे आपके लिए ही इस तरह से सेट किया गया है।

की-बोर्ड पर कीज को आगे-पीछे लगाने की क्या है वजह(Keyboard interesting facts)?

अगर आप की-बोर्ड पर कीज को आगे पीछे लगाने की वजह के बारे में नहीं जानते, तो बता दे की कंप्यूटर की-बोर्ड पर कीज अल्फाबेट ऑर्डर में न होने का कारण की-बोर्ड का डिजाइन है। आज जो हम की-बोर्ड लेआउट इस्तेमाल करते हैं उसे Qwerty ले-आउट कहा जाता है। इसे साल 1870 में पहली बार डिजाइन किया गया था। इस Qwerty ले-आउट के जरिए टाइप करने पर आपकी टाइपिंग स्पीड बढ़ जाती है, क्योंकि इसे कुछ इस तरीके से डिजाइन किया गया है कि टाइप करते समय टाइपराइटर को रुकना ना पड़े।

की-बोर्ड पर अक्षर को इस तरीके से रखा जाता है कि सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले की एक-दूसरे से अलग-अलग रहे और टाइपिंग करते समय टाइपराइटर को उनके एक साथ होने की वजह से परेशान ना होना पड़े।

क्या है की-बोर्ड के डिजाइन का कारण

दरअसल जब कंप्यूटर की-बोर्ड बनाया गया तो Qwerty ले-आउट को रखा गया, क्योंकि लोग पहले से ही इसे समझते थे। इसके अलावा कंप्यूटर की-बोर्ड में टाइपराइटर के मुकाबले कई अलग और चीज भी जुड़े हुए हैं, जिसमें फंक्शन कीज के साथ-साथ कुछ ऐसे जरूरी चीज भी शामिल है, जिनका उपयोग कंप्यूटर इस्तेमाल करने वाले लोग करते हैं। साथ ही इसमें नंबर कीज भी दिए गए हैं, जो की टाइपराइटर वाले की-बोर्ड में नहीं दिए गए होते हैं।

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की-बोर्ड के इस लेआउट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि टाइप करने के दौरान किसी की जैमिंग नहीं होती है। इसके साथ ही सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले शब्दों को भी अलग-अलग दूरी पर सेट किया गया है, जिससे आप दोनों हाथों का इस्तेमाल करते हुए बड़ी आसानी से टाइपिंग कर सकते हैं।

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