Monday, September 25, 2023

चिराग के चलते इस सब सीटो हार गयी हुई जदयू, जाने पूरी डिटेल !

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आखिरकार कल देर रात को घोषित कर दिए गए। नतीजों में फिर से एक बार एनडीए को पूर्ण बहुमत मिली है, हालांकि इस बार एनडीए गठबंधन में बीजेपी को जेडीयू से ज्यादा सीटें मिली है। पर अगर आप आंकड़ों पर नजर डालेंगे तो यह बात गौर करेंगे कि जदयू को काफी सीटों पर लोजपा के कारण हार हुई है, भले ही चिराग पासवान की पार्टी लोजपा इस बार 1 सीट जीत पाई है परंतु उनकी पार्टी ने जेडीयू को इस बार काफी नुकसान पहुंचाया है। अगर इन सीटों पर चिराग पासवान के पार्टी लोजपा ने अपने प्रत्याशी नहीं उतारती तो नतीजा कुछ और हो सकता था।

दरअसल लोजपा इस बार विधानसभा चुनाव एनडीए से अलग होकर अकेले लड़ी। इसके लिए लोजपा ने बीजेपी को छोड़ बाकी सभी पार्टियों के विरोध मे अपने उम्मीदवार उतारे, चाहे वह पार्टी जदयू ही क्यों ना हो। इसी का खामियाजा जदयु को सबसे ज्यादा भुगतना पड़ा। लोजपा ने जदयू के लगभग 18 सीटों पर नुकसान पहुंचाया है। इसके अलावा लोजपा ने 4 सीटों पर वीआईपी को भी नुकसान पहुंचाया है। इतना ही नहीं लोजपा के कारण हम पार्टी को एक सीट पर हार हुई।

इन सीटो पर लोजपा की हुई हार

अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो एकमा विधानसभा क्षेत्र पर जदयू के उम्मीदवार सीतादेवी को राजद के उम्मीदवार श्रीकांत यादव से करीब 14000 वोटों से हार मिली। वहीं इस सीट पर लोजपा उम्मीदवार कामेश्वर सिंह मुन्ना को करीब 30000 वोट मिले। अगर लोजपा के प्रत्याशी यहां से नहीं होते तो यह सारा वोट जदयू को ही मिलता, जिससे इनकी जीत तय थी।

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इसी तरह दिनारा से लोजपा उम्मीदवार राजेंद्र सिंह दूसरे स्थान पर रहे और राजद के उम्मीदवार ने जीत हासिल की, यहां से जदयू तीन नंबर पर रही। इसी प्रकार और ऐसी कई सीटें हैं जहां लोजपा के कारण जदयू को हार का सामना करना पड़ा।

आप सिमरी बख्तियारपुर से वीआईपी प्रमुख मुकेश साहनी को ही ले लें, यहां मुकेश साहनी को करीब 2000 वोटों से हार का सामना करना पड़ा, वहीं लोजपा उम्मीदवार यहां 7000 वोट प्राप्त किए। इसके अलावा सुगौली से लोजपा को 24000 वोट मिले और वही से वीआईपी की 3500 वोटों से हार हुई।

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इसके अलावा मधुबनी और बरहमपुर से लोजपा उम्मीदवार के वोटों के कारण ही वीआईपी की हार हुई। सूर्यगढ़ा विधानसभा सीट पर चिराग पासवान ने सबसे बड़ा नुकसान पहुंचाया, इसी के चलते यहां से राजद के उम्मीदवार की जीत हुई। अगर चिराग पासवान एनडीए गठबंधन में होते तो रिज़ल्ट कुछ और होता, जैसा कि आप आंखों में देख रहे हैं।

Manish Kumar
Manish Kumarhttp://biharivoice.com/
पिछले 5 साल से न्यूज़ सेक्टर से जुड़ा हूँ । बिहारी वॉइस पर 2020 से न्यूज़ लिखने और एडिटिंग के साथ-साथ टेक संबंधी कार्य कर रहा हूँ।

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