केएल राहुल 3 साल के सफर में लिखी कामयाबी की कहानी, पढ़े ‘निलंबन’ से ‘कप्तानी’ तक का सफर

भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) से अंदर-बाहर होते रहे केएल राहुल (KL Rahul) ने इसी तरह अपनी कामयाबी की कहानी लिखी। केएल राहुल ने अपने अब तक के क्रिकेट करियर सफर में निलंबन से लेकर कप्तानी तक का सफर देखा है। आज भले ही भारतीय क्रिकेट टीम में केएल राहुल का नाम दिग्गज खिलाड़ियों में लिया जाता है, लेकिन एक दौर वह भी था जब उन्हें निलंबन का सामना करना पड़ा था। उनका 7 साल का अंतरराष्ट्रीय सफर (KL Rahul International Cricket career) कई उतार-चढ़ाव से गुजर कर इस कामयाबी पर पहुंचा है। केएल राहुल की ज़िद और खेल के प्रति उनका लगाव ही आज उन्हें यहां तक लेकर आया है। अब उन्हें टीम इंडिया का नेतृत्व करने का मौका मिलने जा रहा है।

KL rahul
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कप्तान बने केएल राहुल!

दरअसल रोहित शर्मा के पैर की मांसपेशियों में लगी चोट अभी पूरी तरह से ठीक नहीं हुई है, जिसके कारण अब राहुल दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले जा रहे वनडे सीरीज मैच टीम में कप्तानी संभालेंगे। यह फैसला टीम के चयनकर्ताओं के द्वारा दिया गया है। टीम के चयनकर्ताओं ने उन्हें अगले कप्तान के तौर पर तैयार करने का फैसला किया है। बता दे आगामी सीरीज के तहत दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जनवरी के तीसरे सप्ताह के अंदर वनडे मैच खेल का आरंभ किया जाएगा। इस दौरान खेले जाने वाले तीन वनडे मैच पॉल और केप्टाउन में 19, 21 और 23 जनवरी को आयोजित किए जाएंगे।

जब करण जौहर के कारण किया गया बाहर

केएल राहुल का नाम हमेशा सुर्खियों में तब आता जब उन्हें या तो टीम से निकाल दिया जाता या वह किसी नए विवाद का हिस्सा बनते। एक किस्सा वह भी था जब केएल राहुल को करण जौहर के चक्कर में टीम से बाहर होने का रास्ता देखना पड़ा था। दरअसल यह मामला साल 2019 का है, जब करण जौहर के चैट शो कॉफी विद करण के दौरान महिलाओं के प्रति दिए गए कथित आपत्तिजनक बयान के चलते उन्हें और ऑलराउंडर हार्दिक पटेल को भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने निलंबित करते हुए आस्ट्रेलिया दौरे से बाहर का रास्ता दिखाया था।

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सीखा करियर का बड़ा सबक

इसके बाद केएल राहुल और पांड्या के ऊपर लगा बेन 2 हफ्ते के बाद तो हट गया, लेकिन दोनों को अगले न्यूजीलैंड दौरे पर भी जाने का मौका नहीं दिया गया। लगातार टीम से बाहर रहने के बाद राहुल ने स्वीकार किया कि 2019 में हुई इस घटना से उन्होंने सबक लिया और अपने नजरिए में बदलाव किया। केएल राहुल ने खुद इस बात का जिक्र किया कि 2019 में हुए इस हादसे के बाद उन्होंने अपने अंदर कई बदलाव किए। साथ ही उन्होंने इस निलंबन से काफी कुछ सीखा और टीम के अनुसार खेलने का फैसला करते हुए अपने आगे के सफर को तय करना शुरू किया।

केएल राहुल ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि हमारा करियर काफी लंबा नहीं होता। मैंने 2019 के बाद इस बात को महसूस भी किया कि मेरे पास अब सिर्फ 12 या 11 साल ही बचे हैं। मुझे अपना पूरा समय और ऊर्जा अपने खेल के प्रति समर्पित करने की जरूरत है। केएल राहुल की मानसिकता में आए इस बदलाव में उन्हें अपने इस सफर को तय करने में मदद दी। इस दौरान केएल राहुल ने भी इस बात का जिक्र किया कि मेरी बदली सोच के साथ मेरी मानसिकता पर और मुझ पर दबाव पड़ना कम हो गया। मैंने टीम के लिए बेहतर करने और चैंपियन टीम का हिस्सा बनने और खेल में अंतर पैदा करने की और अपना पूरा ध्यान लगा दिया।

Virat Kohli And KL Rahul
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केएल राहुल का करियर सफर

18 अप्रैल 1992 को जन्मे केएल राहुल ने 10 साल की उम्र में ही बल्ला थाम लिया था और क्रिकेट की जमीन पर अपने बल्ले से रनों की बौछार करना शुरू कर दिया था। हालांकि भारतीय टीम तक पहुंचने का उनका यह सफर इतना आसान नहीं रहा। साल 2010 आईसीसी अंडर-19 विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व करने का राहुल को पहली बार मौका मिला। भारतीय टीम के लिए न्यूजीलैंड में हुआ यह टूर्नामेंट काफी निराशाजनक रहा और टीम ने छठा स्थान हासिल किया। इस दौरान राहुल के लिए यह सफर एक सबक बना। राहुल भारत के दूसरे शीर्ष स्कोरर होने के बावजूद 6 मैचों में 28.7 की औसत से 143 रन ही बना सके और टूर्नामेंट के बेस्ट 30 बल्लेबाजों में भी उन्हें जगह नहीं मिली।

KL RAHUl
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पहली बार पड़ी राहुल पर नजर

इसके बाद साल 2013-14 रणजी ट्रॉफी में खेले गए 10 मैचों में राहुल ने 68.86 की औसत से 1035 रन बनाकर टूर्नामेंट में दूसरे स्कोरर के तौर पर वापसी की, जिसके बाद चयनकर्ताओं की नजर उन पर पड़ी और उन्हें भारतीय टीम का हिस्सा बनने का मौका मिला। इसके बाद केएल राहुल ने एक के बाद एक कई उतार-चढ़ावों से गुजरते हुए अपनी कई अलग-अलग पारियां खेली और लगातार अपने कामयाबी के सफर को इसी तरह बुलंदी पर ले जाते रहे।