बिहार में अब आएगी ‘औद्योगिक क्रांति’, नीतीश सरकार ने बनाया पूरा प्‍लान, जानें क्‍या है

उद्योग और रोजगार को तरस रहे बिहार के लिए एक खुशखबरी आई है । बिहार सरकार बड़े स्तर पर इथेनॉल की उत्पादन करने जा रही है । अगर सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही बिहार के दिन बदल सकते हैं। अगर बिहार सरकार के द्वारा किए जाने वाला यह प्रयास सफल होता है तो बिहार इथेनॉल के रूप में उभरेगा । इसे ना ही केवल बिहार में औद्योगिक माहौल बदलेगा बल्कि बड़े निवेश का भी रास्ता खुल जाएगा ।

कई बंद उधोग भी खुलेगे

बिहार सरकार की इस योजना को केंद्र से मंजूरी मिल गई है। इस मामले पर नीतीश कुमार ने अन्य वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इसमें बिहार में इस इथेनॉल उत्पादन की योजना, बंद चीनी मिलों को पुनः खोलना और अन्य उद्योगों की स्थापना पर चर्चा हुई । उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव बृजेश मिश्रा , गन्ना उद्योग के प्रधान सचिव विजयलक्ष्मी तथा अन्य कुछ अधिकारी भी बैठक में मौजूद थे ।

बैठक में नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए साल 2006 से ही बहुत सारे प्रयास किए गए हैं। 2016 में बिहार औद्योगिक प्रोत्साहन नीति बनाई गई जिससे बिहार के अंदर उद्योग की स्थापना तथा संचालन बहुत ही सहज बन गया। यूपीए सरकार ने इस को नामंजूर कर दिया था । उस समय एक बहुत बड़े निवेशक 21 हजार करोड़ का निवेश बिहार में एथेनॉल उत्पादन के लिए करना चाहते थे। लेकिन सरकार की मंजूरी ना मिलने के कारण यह नहीं हो सका। अब जब केंद्र सरकार से इस को मंजूरी मिल गई है इस पर तेजी से काम किया जाएगा ।

सरकार के इस फैसले से बिहार में उत्पादन तो बढ़ेगा ही साथ ही रोजगार भी उत्पन्न होंगे जो अभी बिहार की सबसे मुख्य जरूरत है । सरकार मक्के से भी एथेनॉल उत्पादन करने का सोच रही है जिससे मक्का की पैदावार करने वाले किसान फायदे में रहेंगे ।

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रिपोर्ट के मुताबिक नितिन गडकरी ने बिहार सरकार को पूरा भरोसा दिया है । उन्होंने कहा है कि एथेनॉल उत्पादन की 100 फैक्ट्रियां बिहार में लगाई जाए जितना भी एथेनॉल उत्पादन होगा उसको केंद्र सरकार खरीद लेगी ।हम उम्मीद करते हैं कि सरकार का यह फैसला बिहार में उद्योगों को बढ़ावा देगी तथा रोजगार के ढेर सारे नए अवसर पैदा करेगी ।

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