कौन सी ट्रेन कहलाती है सुपरफास्‍ट ट्रेन? क्या होती है इनकी स्पीड और क्‍यों महंगा होता है इसका टिकट?

Superfast Train Speed : भारतीय रेलवे को सबसे बड़ा नेटवर्किंग ट्रांसपोर्ट माना जाता है। ऐसे में हर दिन लाखों से लेकर करोड़ की तादाद तक भारतीय रेलवे से सफर करते हैं। यात्री इसके जरिए न सिर्फ अपने सफ़र को आरामदायक बनाते हैं, बल्कि साथ ही यह सफर सुरक्षित भी होता है। ऐसे में आपने भी भारतीय रेलवे की पैसेंजर से लेकर मेल, एक्सप्रेस और सुपरफास्ट सभी ट्रेनों में सफर किया होगा।

ऐसे में क्या कभी आपके मन में इसकी स्पीड को लेकर सवाल उठा है? क्या आपने कभी सोचा है कि की सबसे ज्यादा स्पीड से चलने वाली ट्रेन को सुपरफास्ट क्यों कहा जाता है? आखिर इसकी स्पीड कितनी होती है? कितनी स्पीड के बाद इसे सुपरफास्ट ट्रेन का दर्जा मिलता है? इसका किराया बाकी ट्रेनों के मुकाबले ज्यादा क्यों होता है? अगर आप भी इन सब सवालों के जवाब ढूंढना चाहते हैं, तो आइए हम आपको इनके बारे में बताते हैं।

कितनी होती है मेल ट्रेनों की स्पीड(Superfast Train Speed)?

रेल से सफर करने वाले ज्यादातर यात्रियों को इस बारे में नहीं पता होता कि भारतीय रेलवे के मुताबिक जो ट्रेन है 50 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलती है, उसे मेल एक्सप्रेस ट्रेन कहा जाता है। इस लिस्ट में पंजाब मेल, मुंबई मेल, कालका मेल जैसी ट्रेनों के नाम शामिल है। इसके अलावा भारत में एक्सप्रेस ट्रेन यानी सेमी प्रायोरिटी वाली ट्रेन सेवा की स्पीड 55 किलोमीटर प्रति घंटे की होती है। हर एक्सप्रेस ट्रेन के साथ उसके शहर, क्षेत्र या फिर किसी स्पेशल व्यक्ति का नाम जुड़ा होता है।

कितनी होती है सुपरफास्ट ट्रेनों की स्पीड?

भारतीय रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट पर साझा की गई जानकारी के मुताबिक किसी ट्रेन की अप और डाउन दोनों दिशाओं में गति बड़ी लाइन पर 55 किलोमीटर प्रति घंटा की और मीडियम लाइन पर 45 किलोमीटर प्रति घंटा की हो, तो उसे ट्रेन को सुपरफास्ट ट्रेन कहा जाता है। बता दे कि औसत गति की गणना एंड-टू-एंड दूरी को यात्रा को कुल दूरी से भाग करके की जाती है।

whatsapp channel

google news

 
ये भी पढ़ें- पटरी पर दौड़ती 2 ट्रेनों के बीच की दूरी कितनी होती है, कौन व कैसे तय करता है ये सबकुछ; जाने डिटेल

ऐसे में कुछ सुपरफास्ट ट्रेनों की स्पीड 110 किलोमीटर प्रति घंटे की भी दर्ज की जाती है। यह ट्रेनें एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच चलती है। इनमें भी जरनल, स्लीपर और एसी क्लास के डिब्बे होते हैं। हालांकि इन ट्रेनों को बहुत कम स्टेशन पर रोका जाता है।

सुपरफास्ट ट्रेनों में क्यों लगता है ज्यादा किराया?

एक ट्रेन के किराए का रेट कई अलग-अलग चार्ज से जोड़कर तय किया जाता है। इनमें मिनिमम डिस्टेंस, चार्ज मिनिमम जरनल फेयर, सुपर फास्ट चार्ज, रिजर्वेशन चार्ज, जीएसटी आदि सभी चार्ज को जोड़कर किराया तय किया जाता है। सुपरफास्ट ट्रेन की टिकट पर सुपरफास्ट सर चार्ज भी लगाया जाता है। स्लीपर के लिए यह सर चार्ज 20% है। वही वातानुकूलित सिटिंग और एसी की स्लीपर की सभी श्रेणियां पर सुपरफास्ट सरचार्ज 30% तक लगता है। इसी के हिसाब से सुपरफास्ट ट्रेन में टिकट का किराया तय किया जाता है।

Share on