बिहार पंचायत चुनाव में EVM के अलावे 3 लाख मतपेटियों का होगा इस्तेमाल, आयोग ने लिया फैसला

बहुत सारी अटकलों के बाद बिहार पंचायत चुनाव मे इस बार पिछ्ले बार के मुकाबले काफी लेट लतीफी हो चुकी है। EVM से चुनाव संपन्न कराने को लेकर आरम्भ से ही बहस जारी रही, कुछ दिनों तक इसके कारण भी चुनाव की प्रक्रिया रुकी रही।जैसा की पता है इस बार बिहार पंचायत चुनाव EVM से होग, इसके लिए बड़ी संख्या EVM की जरूरत है। पंचायत चुनाव के लिए जितनी EVM मशीन की जरुरत है, उसके मुकाबले उपलब्ध EVM मशीन की संख्या बेहद ही कम है। इस समस्या के समाधान के रूप मे EVM ने नया तरीका निकाला। बिहार पंचायत चुनाव की तीव्र तैयारियो की बीच खबर यह है कि आठ हजार से अधिक ग्राम कचहरियों में पंच और सरपंच के करीब सवा लाख पदों पर चुनाव कराने के लिए तीन लाख मतपेटियों का इस्तेमाल किया जाएगा।

आयोग ने दिये ये निर्देश

इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने इन सभी मतपेटियों को दुरुस्त करने के निर्देश जारी किये गए हैं। जिला निर्वाचन अधिकारियों को विस्तृत निर्देश जारी किया गया है और कहा गया है कि भंडारित की गई प्रत्येक मतपेटी की बारीकी से भैतिक सत्यापन किया जाए और पदाधिकारी 25 जुलाई तक सभी मतपेटियों का मरम्मत सुनिश्चित कराए। इसके साथ ही मतपेटियों का नए सिरे से रंग-रोगन कराने के लिए भी कहा गया है।

चुनाव से सम्बंधित कार्यो की अधिकता को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने सरकार से तीन अन्य अधिकारियों के सेवा की मांग की है। राज्य निर्वाचन आयोग ने इस सम्बन्ध मे मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को पत्र लिखा है। नालंदा जिला के हिलसा के अवर निर्वाचन पदाधिकारी प्रेम प्रकाश और बक्सर जिले के डुमरांव में अवर निर्वाचन पदाधिकारी अनिल कुमार पटेल की प्रतिनियुक्ति के लिए लिए पत्र लिखा गया है। चुनाव संपन्न होने तक इनकी सेवा की माँग की गई है। आयोग ने किसी जानकार उप निर्वाचन पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति के लिए भी मुख्य निर्वाचन आयोग से अनुरोध किया है।

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त्रिस्तरीय पंचायतीराज के पदों के आरक्षण की सूची में 32 जिलों की सूची मे त्रुटि पाई गई है, जबकि मात्र पाँच जिलों की सूची को ही त्रुटि रहित पाया गया जिसमें सारण, जमुई, किशनगंज, जहानाबाद और अरवल हैं। बाकी के अन्य जिलों को आरक्षण की संशोधित सूची अपलोड करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं क्योकि उसमें कई सारी गड़बडिय़ां पाई गई है। इस बार मतदान दल में एक पीठासीन पदाधिकारी और एक-पांच तक मतदान पदाधिकारी रहेंगे जिसकी संख्या पिछ्ले बार की अपेक्षा दो अधिक है। प्रत्येक पन्चायत पर एक ईवीएम का कलस्टर भी बनाने का निर्देश दिया गया है।

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