Saturday, June 3, 2023

CBSE बोर्ड या ICSE बोर्ड, कौन है ज्यादा बेहतर, जानिये पूरी जानकारी

भारत में दो बोर्ड तौर पर जाने जाते है।अभिभावक और विद्यार्थी अक्सर इस बात को लेकर कंफ्यूज रहते हैं कि दोनों में से कौन सा बोर्ड बेहतर है, या फिर अपने बच्चे को किस बोर्ड से एडमिशन दिलाये। ऐसे ही सवालों के जवाब आपको इस आर्टिकल में मिलेंगे जो आपके संशय को दूर करने में आपकी मदद करेंगे।

अगर बात करें सीबीएसई बोर्ड में पढाई के माध्यम की, तो यह ज्यादा सुविधाजनक है, क्योंकि सीबीएसई बोर्ड में हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही माध्यमों से पढाई की सुविधा है। लेकिन ICSE बोर्ड में केवल अंग्रेजी माध्यम से ही पढाई की सुविधा है।

सीबीएसई बोर्ड में पढाई के लिये NCERT के किताबो का उपयोग होता है जो कि अंग्रेजी के अलावा हिंदी और उर्दू में भी उपलब्ध है। तो वही इसी ICSE बोर्ड से सम्बंधित अधिकतर स्कूलों में निजी प्रकाशन की किताबों से पढाई होती है जो अंग्रेजी में उपलब्ध होती है और NCERT की तुलना में महंगी होती है। अंग्रेजी और हिंदी दोनों माध्यम की सुविधा के कारण सीबीएसई विद्यार्थियों की पहली पसंद बनी हुई है।

कई अभिभावक खासकर नौकरीपेशा वर्ग को स्थानान्तण की समस्या का सामना करना होता है। ऐसे में उन्हें और उनके बच्चे को एक जगह से दूसरे जगह जाना होता है। चूँकि सीबीएसई बोर्ड में सभी स्कूलो में NCERT के किताब को ही फॉलो किया जाता है इसलिये स्कूल बदलने पर छात्रों को खास दिक्कत नहीं होती क्योंकि वे सिलेबस और किताबों से परिचित होते हैं। तो वही ICSE बोर्ड के अलग अलग स्कूलो में विभिन्न प्रकाशन की किताबें होती है इस वजह से ऐसे विद्यार्थियों को नई किताबे और सिलेबस को जानने और तालमेल बैठाने में समय लगता है और उन्हें एक्स्ट्रा दबाव का सामना करना पड़ता है।

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कैरीयर के दृष्टिकोण से भी दोनों की विशेषताओं पर नजर डालते हैं। ICSE बोर्ड कैम्ब्रिज स्कूल से प्रेरित है जिसमें अंग्रेजी पर काफी जोर दिया जाता है अतः जो विद्यार्थी IELTS और TOEFL जैसी परिक्षाओं में शामिल होना चाहते हैं उनके लिये इस बोर्ड से एजुकेशन लेना काफी फायदेमंद है। इस बोर्ड में इंग्लिश, आर्ट्स और साइंस सभी विषयो को एकसमान प्राथमिकता दी जाती है।

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तो वही अगर सीबीएसई की बात करें तो चूँकि उसमें NCERT की किताबों से पढाई होती है जिससे मेडिकल और इंजेनियरिंग के इंट्रेंस एग्जाम में सहायता मिलती है क्योंकि NEET JEE Main , UPSEE, WBJEE जैसी परीक्षाओं का सिलेबस 11th 12th की NCERT किताबो के सिलेबस पर आधारित होती है। अतः जो विद्यार्थी मेडिकल इंजीनियरिंग के एंट्रेंस एग्जाम देने की सोच रहे तो उनके लिये भी CBSE बेहतर विकल्प है।

ICSE बोर्ड में पाठ्क्रम थोड़ा अधिक होता क्योंकि इसमें इंग्लिश के दो पेपर और साइंस के तेन पेपर होते हैं जबकि CBSE में इंग्लिश और साइंस के एक एक पेपर ही होते हैं। CBSE का सिलेबस हर साल अपडेट किया जाता है, जैसे कि इसमें GST का एक नया चैप्टर जोड़ा गया है, ICSE में भी सिलेबस अपडेट होता है लेकिन हर साल नहीं।

प्राइवेट कैंडिडेट और अन्य बोर्ड के स्टूडेंट के प्रति अपनाए गए नीति पर बात करें तो सीबीएसई अपनी परीक्षा में शामिल होने के लिये ऐसे विद्यार्थियों को अनुमति दे देता है लेकिन ICSE ऐसे विद्यार्थियों को अपने परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं देता।

Manish Kumar
Manish Kumarhttp://biharivoice.com/
Manish kumar is our Ediitor and Content Writer. He experience in digital Platforms from 5 years.

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