Wednesday, November 29, 2023

इस लड़की का जज्बा ऐसा कि कोमा से निकलकर पहले बनी CA, बाद मे निकाल ली UPSC

कहते है मन में दृढ़ इच्छा और इरादे मजबूत हो तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको रोक नही सकती है। इसी की एक जीती जागती उदाहरण है उड़ीसा की सारिका जिन्होंने अपने परिस्तिथियों का मजबूती से सामना कर जीत हासिल की हैं। मूल रूप से उड़ीसा से ताल्लुक रखने वाली सारिका का जन्म एक छोटे से कस्बे कातावांझी के एक संयुक्त परिवार में हुआ था। जन्म के कुछ सालों बाद से ही सारिका ने अपनी जिंदगी से जंग लड़नी शुरू कर दी थी।

बचपन से ही ज़िंदगी रहा कठिन

महज 2 साल की उम्र में सारिका पोलियो से ग्रस्त हो गई थी। छोटे गांव से होने के कारण सारिका के माता पिता को यह तक मालूम नही था कि पोलियो होता क्या है जिसके बाद उन्होंने सारिका को डॉक्टर के पास दिखाया। डॉक्टरों को यह लगा कि शायद सारिका मलेरिया से पीड़ित है और गलत जानकारी के कारण डॉक्टर ने उन्हें एक इंजेक्शन दिया जिसके बाद सारिका के 50 प्रतिसत शरीर ने काम करना बंद कर दिया और वह कोमा में चली गई। डेढ़ सालों के बाद सारिका कोमा से बाहर आई और लाख कोशिशों के बाद आखिरकार सारिका ने 4 साल की उम्र में चलना शुरू किया।

कोई स्कूल नहीं ले रहा था एड्मिशन

सारिका ने अपनी बीमारी के कारण पढ़ाई लेट से शुरू की और इस कारण उन्हें स्कूल में दाखिला मिलना मुश्किल हो गया था। कोई भी स्कूल उन्हें अपने यहां एडमिशन नही देना चाहता था। हालांकि मिन्नतों बाद उन्हें एक स्कूल में दाखिला मिला लेकिन वहां उन्हें बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा और फिर जैसे तैसे करके उन्होंने अपनी स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई पूरी की। सारिका के घर वाले यह चाहते थे कि वह अपनी पढ़ाई पूरी करते ही शादी कर ले लेकिन पोलियोग्रस्त होने के कारण उनकी शादी में भी काफी मुश्किलें आई जिसके बाद उनके घरवालों ने यह मान लिया कि अब सारिका की शादी नही हो पाएगी।

 
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पहले बनी CA

हालांकि सारिका को इनसब चीजों से कभी कोई फर्क नही पड़ा। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने अपने घर वालों के सामने CA बनने की इच्छा जाहिर की जिसमें उनके घर वालों ने भी उनका पूरा साथ दिया। घर वालों के समर्थन के बाद सारिका ने अपनी तैयारी शुरू कर दी और कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने सीए का एग्जाम दिया और उसमें पास हो गई।

फिर जुनून चढा IAS बनने का

सारिका के सीए बनने के बाद घर में बेहद खुशी का माहौल था। लेकिन इसी बीच सारिका ने आईएएस के बारे में सुना और तभी फैसला कर लिया कि अब उन्हें आईएएस अधिकारी बनना है। लेकिन जब उन्होंने अपनी ये इच्छा अपने घरवालों को बताई तो उनका कहना था कि सारिका पर भूत चढ़ गया है। उन्होंने सारिका से कहा की वह अच्छा खासा करियर छोड़ यूपीएससी क्यों करना चाहती है। लेकिन लाख समझाने के बाद सारिका को उनके घरवालों ने डेढ़ साल का वक़्त दिया। इस डेढ़ साल में सारिका ने कड़ी मेहनत की और खुद के दम पर दिल्ली जाकर कोचिंग कोचिंग की। आखिरकार साल 2013 में उन्होंने यूपीएससी क्रैक कर आल इंडिया 527 रैंक हासिल किया।

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Manish Kumar
Manish Kumarhttp://biharivoice.com/
पिछले 5 साल से न्यूज़ सेक्टर से जुड़ा हूँ । बिहारी वॉइस पर 2020 से न्यूज़ लिखने और एडिटिंग के साथ-साथ टेक संबंधी कार्य कर रहा हूँ।

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