पत्नी को ससुराल में आई चोट के लिए पति होगा जिम्मेदार- सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने मारपीट के आरोपी पति की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए एक अहम् टिपण्णी की है। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिपण्णी में कहा कि पत्नी को उसके ससुराल में लगी किसी भी तरह की चोट के लिये खुद उसका पति ही जिम्मेदार होगा। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि जब किसी महिला को चोट उसके ससुराल में लगी हो यो प्राथमिक दायित्व पति का है। सोमवार को एक शख़्स के अग्रिम याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने यह टिपण्णी की, जिसमे ससुराल में एक महिला की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिये पति को जिम्मेदार ठहराया गया।

क्या है मामला

इससे पहले पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने भी मारपीट के आरोपी पति को जमानत देने से साफ़ इंकार कर दिया था। सोमवार को कोर्ट मे जिस मामले की सुनवाई हो रही थी वह पिछले वर्ष जून की है जब पीड़ित महिला ने कथित तौर पर खुद पर हमला किये जाने को लेकर अपने सास ससुर और पति के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इस मामले में महिला की यह दुसरी शादी है जबकि उसके पति की यह तीसरी शादी है। शादी के साल भर बाद 2018 में दंपत्ति के एक बच्चे का जन्म हुआ। पिछले वर्ष महिला ने लुधियाना पुलिस में अपने पति और सास ससुर के विरुद्ध मारपीट करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई। दर्ज प्राथमिकी में कहा गया कि उसके ससुराल वाले और दहेज़ की मांग कर रहे थे।

आप किस तरह के आदमी है?

सोमवार को आरोपी पति के वकील कुशाग्र महाजन सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया शरद अरविन्द बोबड़े की पीठ के समक्ष अग्रिम जमानत के लिये अड़े रहे जिसके बाद CJI की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि ‘ आप किस तरह के आदमी है? महिला ने आरोप लगाया कि आप गाला दबाकर उसकी हत्या करनेवाले थे. उसने आरोप लगाया कि आपने गर्भपात के लिये मजबूर किया. आप किस तरह के आदमी हैं कि अपनी पत्नी को पीटने के लिये क्रिकेट बैट का इस्तेमाल करते हैं? इस पर आरोपी के वकील ने अपनी सफाई में कहा कि महिला ने पति के पिता पर यह आरोप लगाया है कि उसने बैट का इस्तेमाल किया। इस बात पर CJI ने क़हा कि ‘ इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप या आपके पिता ने कथित तौर पर यह हमला किया…जब किसी महिला के ससुराल में चोटे लगी हो तो प्राथमिक दायित्व पति के है।’

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