मात्र 10 साल में ही कैसे ‘टॉपर्स की फैक्ट्री’ बन गया बिहार का सिमुलतला आवासीय विद्यालय

आपने बिहार के सिमुलतला आवासीय विद्यालय का नाम जरूर सुना होगा! सोमवार को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द्वारा मैट्रिक परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया गया है, इस परीक्षा के परिणाम में इस बार फिर से सिमुलतला आवासीय विद्यालय के विद्यार्थियों ने परचम लहराया है।सिमुलतला बिहार के जमुई जिला में स्थित है, इस बार भी यहां के बच्चों ने मैट्रिक परीक्षा में टॉप किया है। पिछले 10 सालों में यहां के ही बच्चे मैट्रिक परीक्षा में टॉप करते आए हैं, इसलिए आज सिमुलतला को टॉपर्स की फैक्ट्री कहा जाने लगा है। संसाधनों की कमी के बावजूद यहां के छात्र हमेशा टॉप टेन में जगह बनाते आए हैं।

इस बार भी बिहार विद्यालय की मैट्रिक परीक्षा में की सिमुलतला आवासीय विद्यालय की छात्रा पूजा कुमारी तथा सुभदर्शनी ने 484 अंक लाकर पूरे स्टेट में पहला स्थान लाने वालों 3 विद्यार्थियों में से दो हैं। इसी स्कूल की छात्रा दिपाली आलोक ने 483 अंक प्राप्त कर दूसरी टॉपर बनी है।इस स्कूल के 14 छात्र-छात्राएं इस बार भी टॉप टेन में शामिल हुई हैं। इस साल भी सिमुलतला आवासीय विद्यालय ने अपना जलवा कायम रखा है।

बिहार सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट

गौरमतलब है कि नेतरहाट विद्यालय के तर्ज पर ही जमुई जिला के सिमुलतला में इस विद्यालय की स्थापना की गई है। बिहार सरकार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट में बिहार भर के छात्र-छात्राएं का नामांकन होता है। यह विद्यालय 2010 में स्थापित किया गया था। इस विद्यालय के छात्र पहली बार 2015 में मैट्रिक की परीक्षा में शामिल हुए थे और तब से ही हमेशा स्कूल के छात्र टॉप टेन में अपना स्थान बनाते आ रहे हैं। 2016 में तो 42 छात्रों ने टॉप टेन में अपना जगह बनाया था। इसके अलावा 2017 में 12 तथा 2018 में 16 छात्र टॉप टेन में शामिल हुए थे।

वहां के प्राचार्य ने कहा

वहीं 2019 में 16 छात्र ही मैट्रिक की टॉप छात्रों में शामिल हो पाए थे, परंतु 2020 में अचानक इस स्कूल के कोई भी छात्र टॉप टेन में अपना जगह नहीं बना पाया परंतु फिर से इस साल 2021 में यहां के छात्रों ने अपना जलवा दिखाया और टॉप टेन में शामिल हुए। इस परिणाम के आने के बाद वहां के प्राचार्य राजीव रंजन ने कहा कि यह परिणाम यहां के छात्रों के मेहनत और शिक्षकों के अनुशासन का नतीजा है, आने वाले समय में सिमुलतला आवासीय विद्यालय और भी आगे जाएगा। इसके लिए स्कूल के छात्र और शिक्षक लगातार प्रयासरत हैं। संसाधनों की कमी पर बोले कि जो भी संसाधन है उसके बीच ही रहकर यहां के छात्र अपना परचम लहराएंगे और आने वाले समय में अपना जलवा दिखाएंगे।

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