किसी ने ठीक ही कहा है कि जब किस्मत साथ देती है, तो मिट्टी में भी सोना मिल ही जाता है। ठीक इसी तरह की किस्मत आंध्र प्रदेश के एक मछुआरे की भी चमकी है, जहां उसे समुद्र में मछलियां पकड़ने के दौरान एक गोल्डन मछली (Golden Fish) मिली और चंद सेकंड में वह लखपति बन गया। बता दे यह दुर्लभ प्रजाति की कचिड़ी (kachidi Fish) मछली थी और इसका वजन 28 किलो 28 KG Golden Fish) का था। मछुआरे ने जब इसे बाजार में ले जाकर बेचा तो इसकी कीमत 2,90000 रुपए मिली।
बेहद दुर्लभ है ये गोल्डन मछली
इस मामले पर फिशरीज विभाग के अधिकारी का कहना है कि कचिड़ी को उसके दुर्लभ होने के कारण इतनी महंगी कीमत में बेचा गया है। इसे गोल्डन फिश भी कहा जाता है। इसके कई अंग दवा बनाने के काम आते हैं। वहीं जानकारों का कहना है कि किचड़ी मछली का पित्ताशय और फेफड़े का इस्तेमाल डॉक्टरों द्वारा सर्जरी के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले धागे को बनाने में किया जाता है। इसके कई अंग महंगी वाइन बनाने के काम भी आते हैं।
चंद सैकेंड में लखपति बना मछवारा
अब बात उस मछुआरे की करें जिसे यह दुर्लभ मछली मिली थी, तो बता दे वह ईस्ट गोदावरी जिले के अंतरवेदी का रहने वाला है। ये मछुआरा तटीय इलाके में मिनी फिशिंग हार्वर पर मछली पकड़ने गया था। इसी दौरान उसके जाल में कचिड़ी मछली फंसी और बाद में उसने नरसापुरम के बाजार में ले जाकर एक व्यापारी को यह मछली बेच दी। इसके बदले उसे ₹2,90,000 मिले।
मछुआरा इसे अपनी किस्मत मानता है। उसका कहना है कि कचिड़ी मछली को पकड़ना आसान नहीं था। वह एक से दूसरे जगह बेहद तेजी से भाग जा रही थी, लेकिन कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार वो उसे पकड़ने में कामयाब हुआ। याद दिला दें पिछले साल महाराष्ट्र में मछुआरों के जाल में 157 घोल मछलियां एक साथ फंस गई थी। सी गोल्ड कहीं जाने वाली इन घोल मछलियों ने महाराष्ट्र के मछुआरों को रातों-रात करोड़पति बना दिया था, क्योंकि इन हर एक गोल मछलियों की कीमत ₹85000 थी।