कई स्टेशन के नाम में लगा होता है सेंट्रल, आप जानते हैं इसके पीछे का कारण?

भारतीय रेलवे से जुड़ी कई बातें बेहद दिलचस्प (Indian Railway Intersting Fact) है। ऐसे में अगर आप भारतीय रेलवे (Indian Railway) से सफर करते हैं तो आपने सफर के दौरान इस बात पर जरूर ध्यान दिया होगा कि आपकी यात्रा के दौरान रास्ते में पड़ने वाले कई स्टेशन या शहर के नाम ऐसे होते हैं, जिनके नाम के आगे या पीछे सेंट्रल (Indian Railway Station Name With Central) लगा होता है। उदाहरण के तौर पर चेन्नई सेंट्रल (Chennai Central Railway Station), कानपुर सेंट्रल (Kanpur Central Railway Station), मुंबई सेंट्रल (Mumbai Central Railway Station)… ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि इन स्टेशनों के नाम के आगे या पीछे सेंट्रल क्यों लगा होता है।

स्टेशन के नाम में क्यों लगता है सेंट्रल

भारतीय रेलवे में कई स्टेशनों के नाम के आगे या पीछे लगे सेंट्रल को लेकर अगर आपने कभी विचार किया हो, तो ऐसे में आइए हम इसके पीछे के कारणों के बारे में आज आपको बताते हैं। दरअसल नाम में लगे इस सेंट्रल का मतलब ये हरगिज़ नहीं है कि यह स्टेशन स्टेट का सेंट्रल स्टेशन है।

हर राज्य में नहीं होता सेंट्रल स्टेशन

दरअसल पहले सेंट्रल स्टेशन व्यवस्था के आधार पर ही बनाए जाते थे और यह शहर का सबसे व्यस्त स्टेशन होता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। शहर के व्यस्त स्टेशन के नाम के पीछे सेंट्रल नाम नहीं दिया जाता है। ऐसा नहीं यह कि एक शहर में तीन से चार स्टेशन हों तो वहां के सबसे व्यस्त रहने वाले स्टेशन को सेंट्रल नाम दे दिया जाए।

उदाहरण के तौर पर बता दें कि अगर ऐसा होता तो बात अगर राजधानी दिल्ली की करें, तो दिल्ली में कई स्टेशन ऐसे हैं जो काफी व्यस्त है। इतना ही नहीं वहां काफी भीड़ भी होती है, लेकिन दिल्ली के किसी भी स्टेशन का नाम सेंट्रल स्टेशन नहीं है। इसलिए यह जरूरी नहीं है कि हर शहर में सेंट्रल स्टेशन होना आवश्यक हो।

मालूम हो कि टर्मिनस या फिर टर्मिनल में कोई अंतर नहीं होता। टर्मिनल का मतलब ऐसे स्टेशन से है, जहां से ट्रेनों के आगे जाने के लिए रास्ता यानि ट्रैक नहीं मिलता है। यानी ट्रेनें वहां आती तो हैं लेकिन फिर आगे के सफर के लिए उन्हें उसी दिशा में जाना पड़ता हो जिस दिशा से उनका आगमन हुआ हो।

बता दें कि ये वो स्टेशन होते है जहां से ट्रेन आगे नहीं जाती है। यानी ट्रेन केवल एक ही दिशा में प्रवेश कर सकती है और वहीं से उनकी वापसी होती है। इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि जिस दिशा से ट्रेन टर्मिनल स्टेशन पर पहुंचती है और दूसरी जगह जाने के लिए उसे उसी दिशा में वापिस आकर फिर से गुजरना पड़ता है और ये उसका स्टाप होता है।