Forced Marriage: बिहार में पकडौआ विवाह का चलन काफी लंबे समय से चल रहा है. सूत्रों की माने तो 1980 के बाद से यह शुरू हुआ है. इस विवाह में अब बढ़ोतरी भी देखी गई है. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो बेगूसराय में सबसे ज्यादा पकडौआ ब्याह होता है. हालांकि अभी ऐसी घटनाओं में कमी आ गई है लेकिन उत्तर प्रदेश के अन्य हिस्सों में अभी यह घटनाएं सामने आती रहती है.
पिछले कुछ समय पहले वैशाली में बीपीएससी टीचर का पकडौआ विवाह की खबरें सुनने को आई थी. अगवा करके कुछ बदमाशों ने बंदूक की नोक पर उनका विवाह कर दिया. बीपीएससी टीचर गौतम पातेपुर सरकारी स्कूल में पढ़ा रहे थे तभी कुछ कार सवार बदमाश हथियार लेकर आए और स्कूल में घुस गए. फिल्मी स्टाइल में उन्होंने गौतम को किडनैप किया और वहां से फरार हो गए.
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किडनैपिंग की जानकारी मिलने के बाद परिजनों ने हंगामा किया और थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. पुलिस ने टीचर को रिकवर कर लिया लेकिन तब तक उनकी शादी हो चुकी थी. नेशनल क्राइम ब्रांच रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार 2021 में देश भर में 18 से 30 साल के 3507 पुरुषों का अपहरण हुआ इनमें से 597 अकेले बिहार के थे.
साल 2022 में बिहार के 450 लड़कों का अपहरण हुआ और जबरन शादी कर दी गई. कई मामलों में हिंदू विवाह परंपराओं को ध्यान में रखते हुए इसकी रिपोर्ट नहीं की जाती है. लेकिन आजकल बेगूसराय वैशाली नवादा सहरसा जैसे जिलों में यह आम बन गया है. लेकिन अब पकडौआ विवाह को लेकर अदालते सख़्ती बरतने लगी है.
हाई कोर्ट ने हाल मे सुनाया है यह फैसला
साल 2023 में पटना हाई कोर्ट ने जबरन बंदूक के नोक पर हुई शादी को लेकर बड़ा फैसला सुनाया. हाई कोर्ट ने साफ-साफ शब्दों में कहा जबरदस्ती सिंदूर लगाना या दबाव में आकर विवाह करना हिंदू मैरिज एक्ट के तहत विवाह नहीं माना जाएगा. हाई कोर्ट ने कहा कि जब तक लड़का लड़की दोनों की इच्छा ना हो और दूल्हा दुल्हन साथ फेरे नहीं लेते हैं तब तक इस विवाह को नहीं माना जाएगा. नवादा के एक लड़के की लखीसराय में करवाई गई शादी को हाई कोर्ट ने शून्य घोषित कर दिया.
क्या है पकडौआ विवाह– Forced Marriage
पकडौआ विवाह में लड़की की जबरन शादी कराया जाता है. इस विवाह में लड़के को अगवा कर लिया जाता है और लड़की घर वाले लड़के से बंदूक की नोक पर शादी कर देते हैं. पकडौआ विवाह मैं वैसे लड़कों को अगवा किया जाता है जो ठीक-ठाक पैसे कमा लेते हैं. बढ़ते दहेज के मांग को पूरा नहीं कर पाने के वजह से ऐसे विवाह का चलन दिन प्रतिदिन बढ़ता गया है.
जानिए क्या है इसके लिए कानून
हालांकि इसके लिए कई तरह के कानून बनाए गए हैं. किसी की इच्छा के विरुद्ध उसकी शादी करना कानूनी अपराध है. पकडौआ विवाह में किसी को अगवा करके उसे डराया धमकाया जाता है और मारा पीटा जाता है. लेकिन कानून ने इस विवाह को कानून के खिलाफ माना है.
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जबरन विवाह(Forced Marriage)को माना गया है कानूनी अपराध
पकडौआ विवाह को लेकर सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रभास कुमार ने मीडिया से बातचीत किया. उन्होंने कहा कि यह विवाह मान्य नहीं है. उन्होंने कहा कि हिंदू मैरिज एक्ट में शादी के लिए सबसे बड़ी कंडीशन कंसेंट यानी की सहमति होती है. अगर जबरन शादी कराई गई है तो यह सामान्य परिस्थितियों में मान्य नहीं है. कानूनी प्रावधान के अनुसार यह वाइडएबल यानी कि शून्यकरण है. भारतीय दंड संहिता की धारा 363 और 385 के अंतर्गत इस दंडनीय माना गया है.
जानिए क्या कहता है आर्टिकल 21
हाई कोर्ट के वकील प्रभास कुमार ने कहा कि अगर किसी का जबरन विवाह हो जाता है तो वह अपना रिश्ता खत्म कर सकता है. उसे रिश्ता निभाने की मजबूरी नहीं है. अगर किसी को अगवा करके उसका विवाह कराया गया है तो वह कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है. जबरन शादी करना आर्टिकल 21 का उल्लंघन है. आर्टिकल 21 में राइट टू लाइफ का अधिकार दिया गया है और जबरन विवाह इस अधिकार का उल्लंघन है.
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