देश को जल्द मिलेगा 200 किलोमीटर लंबा पहला इलेक्ट्रिक हाईवे, जानिए इसपर कैसे चलते है वाहन और फायदें?

मोदी सरकार (Modi Government) जल्द ही देश को एक बड़ा तोहफा देने वाली है। जल्द ही देश को पहला इलेक्ट्रिक हाईवे (first Electric Highway In India) मिल जाएगा। बता दे सरकार दिल्ली से जयपुर के बीच इलेक्ट्रिक हाईवे (Electric Highway) को बनाने की तैयारी कर रही है। इस बात का खुलासा केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने किया है। हाईवे को लेकर उन्होंने कहा कि- इस पर सभी इलेक्ट्रिक वाहन चल सकते हैं। साथ ही हाईवे के बन जाने से पैसा भी बचेगा और प्रदूषण से निजात भी मिलेगी। केंद्रीय मंत्री ने इस घोषणा को देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Highway For Electric Vehicle) को बढ़ावा देने की राह पर पहला कदम बताया है। ऐसे में आइए हम आपको बताते हैं कि इलेक्ट्रिक हाईवे क्या होता है और क्या होते हैं इसके फायदे?

Electric Highway
Image Credit- Social Media

क्या है इलेक्ट्रिक हाईवे

इलेक्ट्रिक हाईवे एक ऐसा हाई-वे है, जिस पर इलेक्ट्रिक वाहन (What Is Electric Highway) चलते हैं, जैसे- आपने ट्रेन के ऊपर एक इलेक्ट्रिक वायर जाते हुए आपने देखी होगी। ट्रेन के इंजन से यह वायर एक आर्म के जरिए कनेक्ट होती है, जिससे पूरी ट्रेन को इलेक्ट्रिसिटी मिलती है। ठीक उसी तरह इस हाईवे पर भी इलेक्ट्रिक वायर लगाई जाएंगी। हाईवे पर चलने वाले वाहनों को इन वायर से इलेक्ट्रिसिटी मिलेगी। इसे ही ई-हाईवे यानी इलेक्ट्रिक हाइवे कहा जाता है। खास बात यह है कि इस हाइवे पर इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए एक सीमित दूरी पर चार्जिंग पॉइंट भी लगाए जाएंगे।

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क्या होते हैं इलेक्ट्रिक हाईवे के फायदे (Electric Highway Benefits)

  • इलेक्ट्रिक हाईवे की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके जरिए बेहद कम लागत में इलेक्ट्रिक वाहनों की सुविधा से आवाजाही की जा सकती है।
  • केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि- ई-हाइवे से लॉजिस्टिक कॉस्ट में 70% की कमी आएगी। फिलहाल चीजों की कीमतों में बढ़ोतरी की एक बड़ी वजह ट्रांसपोर्टेशन कास्ट है।
  • इलेक्ट्रिक हाईवे के शुरू हो जाने से पेट्रोल और डीजल पर निर्भरता कम हो जाएगी। महंगे पेट्रोल-डीजल की वजह से ट्रांसपोर्टेशन कास्ट भी बढ़ती है। साथ ही पेट्रोल-डीजल पर्यावरण के लिए भी हानिकारक है। ऐसे में पेट्रोल-डीजल से निजात मिलेगी और इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग में बढ़ोतरी होगी।
  • इलेक्ट्रिक हाईवे पूरी तरह से इको फ्रेंडली होंगे। इनके ऊपर से गुजरने वाले वाहनों को चलाने के लिए इलेक्ट्रिसिटी का इस्तेमाल किया जाएगा, जो पेट्रोल-डीजल के मुकाबले सस्ते और पर्यावरण के लिए बेहद कम हानिकारक होंगे।
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किस तरह काम करते हैं इलेक्ट्रिक हाईवे (How To Work Electric Highway)

  • इलेक्ट्रिक हाईवे को इस्तेमाल करने के लिए अब तक दुनिया भर में 3 तरह की टेक्नोलॉजी बनाई गई है। ऐसे में भारत सरकार स्वीडन की कंपनी से इस मुद्दे को लेकर चर्चा कर रही है। माना जा रहा है कि स्वीडन में जो टेक्नोलॉजी इस्तेमाल की गई है, भारत भी उसी की तर्ज पर काम करेगी।
  • बता दें स्वीडन ने पेंट्रोग्राफ मॉडल का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक हाईवे बनाने में किया है। जो भारत में ट्रेनों में भी इस्तेमाल किया जाता है। इसमें सड़क के ऊपर एक वायर लगाई जाती है, जिसमें इलेक्ट्रिसिटी स्लो होता है। एक पेंट्रोग्राफ के जरिए इस इलेक्ट्रिसिटी को वाहन में सप्लाई किया जाता है। यह पावर सप्लाई है। इलेक्ट्रिसिटी के तौर पर इंजन को पावर देती है और इसके जरिए वाहन में लगी बैटरी को चार्ज किया जाता है।

कहां बनेगा भारत का इलेक्ट्रिक हाईवे 

बात भारत में बन रहे इलेक्ट्रिक हाईवे (India’s First Electric Highway )के करें, तो बता दें केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपनी घोषणा में बताया कि- यह देश का पहला ही हाईवे है, जिसे दिल्ली और जयपुर के बीच बनाया जाएगा। 200 किलोमीटर लंबे इस हाइवे को दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे के साथ ही एक नई लेन पर बनाया जाएगा। खास बात यह है कि यह पूरी तरह से इलेक्ट्रिक होगा और इसमें केवल इलेक्ट्रिक वाहन ही चल सकेंगे।