सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते थे पिता, बेटे ने पहले ही प्रयास में निकाल लिया UPSC

कहते है ना कि सपनों की उड़ान किसी की मोहताज नही होती। अगर मन में कुछ कर जाने की इच्छा हो तो आपको कोई नही रोक सकता। ऐसी ही एक कहानी है कुलदीप द्विवेदी की जिन्होंने अपने मेहनत और लगन से यूपीएससी की परीक्षा को पास कर 242वां रैंक हासिल किया। हालांकि उनका यह सफर बेहद मुश्किलों से भरा था लेकिन फिर भी उन्होंने हर परिस्थितियों का डट कर सामना किया और यह मुकाम हासिल किया।

मूल रूप से लखनऊ के रहने वाले कुलदीप के पिता सूर्यकान्त द्विवेदी एक विश्वविद्यालय में सुरक्षा गॉर्ड की नौकरी करते थे। उस वक़्त उन्हें 1100 रुपये सैलरी के तौर पर मिलती थी और वह इन्ही पैसों में पांच सदस्य वाले परिवार का पालन पोषण करते थे। इतने पैसों में परिवार का गुजारा कैसे भी हो जाता था, पर जैसे जैसे सूर्यकान्त के बच्चे बड़े होने लगे उन्हें पढ़ाने की टेंशन भी बढ़ती गई। अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए कुलदीप के पिता ने गार्ड की नौकरी के साथ साथ खेतों में भी काम करना शुरू कर दिया। अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए सूर्यकान्त ने दिन रात एक कर मेहनत की और बच्चों को पढ़ाया लिखाया।

साल 2009 में कुलदीप ने अपने ग्रेजुएशन की पढ़ाई इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पूरी की और फिर अपने मास्टर्स की डिग्री भी ली। हालांकि इस दौरान वो यूपीएससी की तैयारियों में भी जुट गए थे और साल 2015 में कुलदीप ने पहली बार आईएएस की परीक्षा दी और 242वां रैंक हासिल कर उसे पास कर लिया। जिसके बाद उन्हें उनके रैंक के हिसाब से आईआरएस का पद मिला। फिर साल 2016 के अगस्त में उनकी ट्रेनिंग नागपुर में शुरू हुई जिसके बाद उनकी पहली पोस्टिंग असिस्टेंट कमिश्‍नर इनकम टैक्स ऑफिसर के रूप में हुई।

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