दरभंगा एयरपोर्ट मिथिला क्षेत्र के लिए साबित हो रहा वरदान, प्रत्येक माह हो रहा 100 करोड़ तक का कारोबार

दरभंगा एयरपोर्ट के शुरू हुए बहुत कम समय हुए है, लेकिन इतने कम समय मे इस एयरपोर्ट ने कई सारे रिकॉर्ड बनाए हैं। अब  व्यावसायिक उड़ान के मामले में यह नया रिकॉर्ड बना रहा है। शायद ही किसी ने सोचा होगा कि दरभंगा जैसे छोटे शहर मे हवाई सेवा की शुरुआत भी हो सकती है, और शुरू होने पर सफलता के नई कहानी शुरू हो जाएंगे, यह तो किसी ने भी नहीं सोचा होगा। जो यह कहते थे कि दरभंगा जैसे शहर मे उड़ान शुरू नहीं हो सकती ना ही चल सकती है , वे यह जानकर चौंक जाएंगे कि दरभंगा अंचल के कारोबार में कम-से-कम 80 से 100 करोड़ रुपये प्रति माह का इजाफा हो गया है। आवागमन तेज और आसान होने की वजह से यह कमाल हो सका है। इसी तरह स्थानीय व्यापार में सालाना 1200 करोड़ तक की बढ़ोतरी संभावित है।

व्यापार की बढ़ोतरी की दर 15-20 प्रतिशत तक आंकी जा रही है. व्यापार विशेषज्ञ बताते हैं कि हवाई सुविधा शुरू होने के बाद पटना, भागलपुर और मुजफ्फरपुर के बाद अब दरभंगा प्रदेश का बड़ा ट्रेड हब बन चुका है। जानकारों का कहना है कि दरभंगा की अर्थव्यवस्था उपभोग आधारित है। बाजार में इतना पैसा आने से जहां एक ओर रोजगार में इजाफा होगा, तो वहीं दूसरी ओर उद्यमियों के पास निवेश योग्य पूंजी भी आयेगी।

व्यापार में सबसे बड़ा अवसर मशीनरी और वस्त्र व्यापार क्षेत्र से संबंधित है। शेष क्षेत्रों में अभी सीमित इजाफा दर्ज किया गया है। गौरतलब है कि प्रदेश में भागलपुर सिल्क और सूत्री वस्त्र के कारोबार का सबसे बड़ा सेंटर मुजफ्फरपुर है। दरभंगा अब तीसरे बड़े व्यापारिक सेंटर के रूप में पहचान बनाने जा रहा है। दरअसल, दरभंगा इन दोनों शहरों के व्यापार को हवाई रूट प्रदान कर रहा है। इससे प्रदेश की आर्थिक तरक्की में अब संतुलित विकास हो सकेगा।

50 हजार नये लोगों ने रोजी-रोटी के लिए भरी उड़ान

दरभंगा एयरपोर्ट पर अब तक में लगभग चार लाख से अधिक यात्री हवाई सफर कर चुके हैं। इनमें से 33% ऐसे युवक हैं, जो आजीविका कमाने के लिए यात्रा करते हैं। फ्लाइट पकड़ते हैं। यात्रियों से की गयी बातचीत पर आधारित एक आकलन के मुताबिक हर दूसरा युवक पहली बार घर से निकला है। इस तरह गणना की जाए तो करीब सवा लाख युवकों में करीब 50% युवक पहली बार रोजी-रोटी कमाने गये हैं । यदि वे हर माह अपने घर पांच हजार रुपये भी भेजते हैं, तो माह में 30 करोड़ और साल में 3.60 अरब रुपये लोगों के घरों में पहुंचेंगे।

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स्थानीय उत्पादों को मिला राष्ट्रीय बाजार

दरभंगा से हवाई सेवा शुरू होने से मिथिला के प्रसिद्ध उत्पादों को मार्किट मिलने लगा है, जैसे कि मुजफ्फरपुर की शाही लीची के पहले मौसम में दरभंगा से इस साल 35 टन शाही लीची दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद और बेंगलुरु भेजी गयी। दरभंगा मे शुरू की गई एयरपोर्ट सेवा मिथिलांचल में चिकित्सीय सुविधा मे वृद्धि हुई है। दिल्ली और गुरुग्राम से प्रसिद्द चिकित्सक दरभंगा आ रहे हैं। अनुमान के मुताबिक महीने में वे आवाजाही कर रहे हैं। कुछ एक निजी चिकित्सा संस्थानों में वह माह में दो बार आ रहे हैं। लोगों के लिए अब चिकित्सीय सेवाएं आसान हो गई है।

प्रति व्यक्ति आय में होगा इजाफा

हवाई सेवा शुरू होने से सिटी ट्रांसपोर्ट खासकर टैक्सी सेवाओं में लगभग 300% की बढ़ोतरी हुई है। इस सेक्टर में लोगों को रोजगार के सबसे ज्यादा अवसर मिले हैं। यहां स्टैंडर्ड होटल खोलने के लिए भी आवेदन भी आ चुके हैं। दरभंगा हवाई अड्डे के 80% कर्मचारी स्थानीय ही हैं। एयर हॉस्टेस भी स्थानीय हैं।

बढ़ा कारोबार, मिली बिचौलियों से मुक्ति

डिवीजनल चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष और दरभंगा एयरपोर्ट एडवाइजरी कमेटी के नामित सदस्य पवन कुमार सुरेका बताते है कि हवाई सेवा मिलने से कपड़ा,मशीनरी आदि सेक्टर में 80 करोड़ से अधिक के कारोबार मे इजाफा हुआ है। अब कारोबारी बिचौलिए की मदद लिए बिना ही कपड़ा व्यापार के लिए गुजरात और मशीनरी उत्पाद के लिए पंजाब और दिल्ली की यात्रा करते हैं।

उत्तर बिहार की तरक्की के लिए खुली नई राह

दरभंगा एयरपोर्ट अथॉरिटी के निदेशक मनीष कुमार बताते हैं माई एयरपोर्ट शुरू होने के बाद इलाके की आर्थिक तरक्की मे जबरदस्त इजाफा हुआ है, तरक्की की नयी राह खुल रही है। इस साल 35 टन लीची विभिन्न शहरों मे भेजा गया है, बहुत जल्द कार्गो सेवा का विस्तार भी होने जा रहा है जिससे दरभंगा की खास पहचान मछली व पान को भी बाहर भेजा जा सकेगा। धनिया बेंगलुरु से आ रहा है. यहां से पूरे बिहार जाता है।

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