प्रधानमंत्री मोदी ने 10 दिसंबर को संसद भवन की नई बिल्डिंग का भूमि पूजन किया भूमि पूजन में हर धर्म के पुजारियों ने पूजा किया. भूमि पूजन के दौरान गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद समेत कई नेता मौजूद थे। नए सांसद भवन में लोकसभा सांसदों के लिए लगभग 888 और राज्यसभा सांसदों के लिए 326 से ज्यादा सीटों होंगी।
देश के संसद भवन का निर्माण 1921-1927 के दौरान किया गया था। संसद भवन नई दिल्ली की बहुत ही शानदार भवनों में से एक है। यह विश्व के किसी भी देश में विद्यमान वास्तुकला का एक उत्कृष्ट नमूना है। इसकी तुलना विश्व के सर्वोत्तम विधान-भवनों के साथ की जा सकती है।
यह एक विशाल वृत्ताकार भवन है। भवन के 12 दरवाजे हैं, जिनमें से पाँच के सामने द्वार मंडप बने हुए हैं। पहली मंजिल पर खुला बरामदा हल्के पीले रंग के 144 चित्ताकर्षक खंभों की कतार से सुसज्जित हैं। जिनकी प्रत्येक की ऊँचाई 27 फुट है।इस भवन का केंद्र बिंदु केंद्रीय कक्ष (सेंट्रल हाल) का विशाल वृत्ताकार ढांचा है। विश्वास किया जाता है कि यह विश्व के बहुत शानदार गुबंदों में से एक है।
अंग्रेजों से भारतीयों के हाथों में सत्ता का ऐतिहासिक हस्तांतरण भी इसी कक्ष में हुआ था। इस कक्ष का प्रयोग अब दोनों सदनों की संयुक्क्त बैठक के लिए तथा राष्ट्रपति और विशिष्ट अतिथियों-राज्य या शासनाध्यक्ष आदि के अभिभाषण के लिए किया जाता है। कक्ष राष्ट्रीय नेताओं के चित्रों से सज़ा हुआ है।
केंद्रीय कक्ष के तीन ओर लोक सभा, राज्य सभा और ग्रंथालय के तीन कक्ष हैं। उनके बीच सुंदर बग़ीचा है जिसमें घनी हरी घास के लान तथा फव्वारे हैं। इन तीनों कक्षों के चारों ओर एक चार मंजिला वृत्ताकार इमारत बनी हुई है। इसमें मंत्रियों, संसदीय समितियों के सभापतियों और पार्टी के कार्यालय हैं। लोक सभा तथा राज्य सभा सचिवालयों के महत्वपूर्ण कार्यालय और संसदीय कार्य मंत्रालय के कार्यालय भी यहीं हैं।
कब बना था पुराना संसद भवन
भारत का पुराना सांसद भवन जिसका निर्माण 1921 में शुरू हुआ था और 6 साल के बाद 1927 में सांसद भवन बनकर तैयार हुआ। 2.4 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैले इस सांसद भवन के निर्माण में करीब 83 लाख रुपए खर्च हुए थे। उस समय भवन का शिलान्यास 12 फरवरी 1921 को ड्यूक ऑफ़ कनॉट ने किया था। इसका उद्घाटन तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन ने 18 जनवरी 1927 को किया था।
संसद भवन में कितने गेट और खंभे हैं
संसद भवन की आवृत्ति गोलाकार है भवन का व्यास 170.69 मीटर का है तथा इसकी परिधि आधा किलो मीटर से अधिक है जो करीब 6 एकड़ भू-भाग पर स्थित है. दो अर्धवृत्त आकार भवन केंद्रीय हाल को खूबसूरत गुंबद से घिरे हुए हैं संसद भवन के पहले तल का गलियारा 144 मजबूत खंभों पर टिका है. प्रत्येक खंबे की लंबाई 27 फिट है बाहरी दीवार ज्यामितीय ढंग से बनी हुई है तथा इसके बीच में मुगलकालीन जालियां लगी है जो कि संसद भवन की खूबसूरती में चार चांद लगा देती है इसके 12 द्वार है जिसमें गेट नंबर 1 मुख्य द्वार है.
भारतिए संसद भवन देखने में काफी खूबसूरत लगता है सांसद भवन का डिजाइन मशहूर वास्तुविद लुटियंस ने तैयार किया था. सर हर्बर्ट बेकर के निरीक्षण में सांसद भवन का निर्माण कार्य संपन्न हुआ था. खंभों तथा गोलाकार बरामदे से निर्मित यह पुर्तगाली स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना पेश करता है. सांसद भवन को शुरू में गोलाकार गलियारों के कारण इसे सर्कुलर हाउस भी कहा जाता था सांसद भवन के निर्माण में भारतीय शैली के स्पष्ट दर्शन मिलते हैं.
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