चिराग पासवान ने कहा- तेजस्वी यादव मेरे छोटे भाई जैसे, मिलूगा तो नीतीश कुमार का पैर छुऊंगा

लोजपा में टूट के बाद बिहार के सियासत में हंगामा मच गया है। हर तरफ लोग इसी को लेकर बात कर रहे है। एक तरफ जहां चिराग पासवान को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और कांग्रेस की ओर से अपनी टीम में शामिल होने का आफर मिल चुका है तो वही चिराग फिलहाल 5 जुलाई से निकालने वाले अपने आशीर्वाद-संघर्ष यात्रा को ही अपनी प्राथमिकता बता रहे हैं।

ऐसा माना जा रहा है कि ये यात्रा चिराग के राजनीतिक करियर के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। एक मीडिया हाउस से बातचीत के दौरान चिराग पासवान ने कहा कि अगर कभी नीतीश कुमार से वह मिले, तो वह उनके पैर जरूर छूएगे, मगर नीतियों को लेकर उनसे विरोध जारी रहेगा। इसके अलावे लालू के छोटे लाल से मिले पार्टी में शामिल होने के आफर पर भी चिराग ने बात की।

पार्टी से निकाले जाने पर क्या कहा

पार्टी में हुए टूट पर चिराग पासवान ने कहा कि काश ये सपना होता। पिता के मौत के बाद वह अपने चाचा पशुपति पारस को अपने पिता की छवि समान देखते थे मगर उन्होंने भी उन्हें धोखा ही दिया और अकेला छोड़ दिया। चिराग ने आगे बताया कि अगर उनके चाचा ने इतना कुछ करने से पहले उनसे बात की होती तो वह चुप चाप पशुपति पारस की बात मानने को तैयार हो जाते।

बिहार की बर्बादी का मुख्य कारण नीतीश कुमार

चिराग पासवान ने आगे अपनी बातचीत में कहा कि राम विलास पासवान के रहते हुए भी कई लोगों ने लोजपा को तोड़ने की कोशिश की थी मगर हो नही पाया था। वही नीतीश कुमार के साथ आने की बात पर चिराग ने बताया कि उनके पिता ने अपने आखिरी वक्त में उनसे यही कहा था कि कुछ भी हो जाये पर नीतीश के साथ मत जाना।

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चिराग ने आगे कहा कि आज इस बात का बेहद दुख है कि जिन लोगों ने पापा के राजनीतिक भविष्य को खराब कर दिया है आज उनके साथ लोजपा पार्टी के लोग खड़े है। उन्होंने बताया कि नीतीश उनसे उम्र में बड़े है और उन्होंने हमेशा उनके पैर छू कर उनका सम्मान किया है। लेकिन नीतियों को लेकर उनसे विरोध हमेशा जारी रहेगा। इसके अलावा चिराग ने बिहार के बदहाल हालात और बर्बादी का मुख्य कारण भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बताया है।

तेजस्वी यादव है छोटे भाई जैसे

वही तेजस्वी यादव के तरफ से मिले ऑफर के बारे में बात करते हुए चिराग ने कहा कि लालू प्रसाद यादव और राम विलास पासवान ने पहले काफी दिनों तक एक साथ काम किया था और दोनों के बीच काफी अच्छे संबंध भी रहे है। ऐसे में तेजस्वी यादव उनके छोटे भाई जैसे है और वह उनके तरफ से दिए गए आफर का बेहद सम्मान करते है मगर इस वक़्त उनकी पहली प्राथमिकता आशीर्वाद यात्रा है ना कि किसी पार्टी में शामिल होना।

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