चांद के बाद अब सूरज पर जाने का ISRO की तैयारी, जानें क्या है आदित्य L1 मिशन?

ISRO Aditya L1 Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने शुक्रवार को chandrayaan-3 का सफलतापूर्वक लॉन्चिंग की। इसी के साथ इसरो का चंद्रयान मिशन वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बना हुआ है, जहां एक ओर लोग इसरो के chandrayaan-3 मिशन के बारे में बात कर रहे हैं, तो वही बता दें इसरो का अगला मिशन सौर यान का है। इसरो इसकी तैयारी में जोरों-शोरों से जुटा हुआ है। सूत्रों की माने तो इसरो अगस्त के अंत में सौर वातावरण का अध्ययन करने के लिए ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएलवी रॉकेट पर अपना कोरोनोग्राफी आदित्य L1 भेजेगा।

क्या है आदित्य L1 मिशन?

इसरो के मुताबिक अंतरिक्ष यान को सूर्य पृथ्वी प्रणाली के पहले लैग्रेंज बिंदु एल्बम के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा। L1 एक उपग्रह है, जिसके साथ बिना किसी परेशानी के लगातार सूर्य को देखा जा सकेगा। बता दे इसरो द्वारा chandrayaan-3 अंतरिक्ष यान द्वारा ले जाया जा रहे अपने लेंडर को चंद्रमा की धरती पर उतारने के प्रयास के कुछ दिनों बाद आदित्य L1 मिशन की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि इसे लेकर अभी कोई भी ऑफिशल अनाउंसमेंट नहीं की गई है।

गौरतलब है कि इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ के मुताबिक ‘बाहुबली’ रॉकेट एलवीएम 3 से प्रक्षेपित chandrayaan-3 के लैंडर के 23 अगस्त की शाम 5:47 पर चंद्रमा की धरती पर उतरने की उम्मीद है। ऐसे में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का इसे लेकर कहना है कि वह इसरो के अगले इंटरप्लेनेटरी मिशन सौर मिशन आदित्य L1 के लिए ट्रैकिंग सहायता देगी।

बता दे आदित्य-एल1 का नाम हिंदू सूर्य देवता और अंतरिक्ष यान के भविष्य के घर के नाम पर तय किया गया है। वहीं एल1 – पृथ्वी-सूर्य प्रणाली का पहला लैग्रेंज बिंदु है। ऐसे में ईएसए का कहना है कि, यह कई गुणों का अध्ययन करेगा। मालूम हो कि इसरो ने साल 2024 में शुक्र के लिए एक उड़ान – वीनस मिशन – भी तैयार किया है, जिसे लेकर कहा जा रहा है कि यह ‘शुक्र के लिए रात्रि उड़ान’ होगी। हालांकि इसकी अभी ऑफिशियल जानकारी मौजूद नही है।

Kavita Tiwari