चांद पर विक्रम लैंडर ने किया ऐसा करिश्मा कि झूम उठे ISRO साइंटिस्ट, दुबारा किया सफल लैंडिंग; VIDEO

Chandrayaan-3 Mission: चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग के बाद से चंद्रयान 3 का विक्रम लैंडर अंगद की तरह अपने पैर जमाए हुए था और वहीं से लगातार अपनी खोज कर रहा था ,लेकिन हाल ही में लैंडर विक्रम ने कुछ ऐसा करिश्मा दिखाया जिसे देख इसरो वैज्ञानिकों का सर घूम गया है। दरअसल लैंडर विक्रम किसी हेलीकॉप्टर की तरह चांद पर उड़ते हुए अचानक से दोबारा लैंड हुआ, जिसका वीडियो हाल ही में इसरो ने शेयर किया है।

इसरो की कमांड पर दुबारा लैंड हुआ विक्रम रोवर(Chandrayaan-3 Mission)

वही इसरो की ओर से चंद्रयान-3 मिशन को लेकर सामने आई लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक विक्रम लैंडर ने अपने मिशन उद्देश्यों को पूरा कर लिया है। दरअसल यह एक प्रयोग था। इसरो ने कमान दी और विक्रम के इंजन चालू हो गए। इसके बाद विक्रम लैंडर करीब 40 सेंटीमीटर ऊपर उठा और 30 से 40 सेंटीमीटर की दूरी पर जाकर सुरक्षित दोबारा लैंड हो गया। इसरो के इस एक्सपेरिमेंट के बाद अब यह साफ हो गया है कि वैज्ञानिक अब अपने आगे के मिशनों में चांद से धरती पर वापस भी आ सकते हैं। फिलहाल इसरो का यह नया एक्सपेरिमेंट भी सफल रहा और वैज्ञानिक इसे बेहद खुश है।

इसरो वैज्ञानिकों से कमांड मिलने के बाद विक्रम ने अपने ‘इंजन’ को ‘फायर’ किया और इसके बाद 40 सेंटीमीटर तक खुद को ऊपर उठाया और 30 से 40 सेंटीमीटर की दूरी पर जाकर दोबारा सुरक्षित लैंड हो गया। इसरो विक्रम की दोबारा हुई सॉफ्ट लैंडिंग से खुशी से फुल नहीं समा रहा। इसरो ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इस प्रयोग का एक वीडियो भी साझा किया है और बताया है कि यह भविष्य में चांद से नमूना इकट्ठा कर भारत लाने और मानव मिशन के लिहाज से महत्वपूर्ण होगा और वैज्ञानिक समुदाय इसे लेकर बेहद उत्साहित है।

बता दे 3 सितंबर 2023 को चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान 3(Chandrayaan-3 Mission) के विक्रम लैंडर की एक बार फिर सॉफ्ट लैंडिंग कराई गई। विक्रम लैंडर अपने मिशन के उद्देश्यों को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। फिलहाल इसरो का चंद्रयान-3 की दोबारा लैंडिंग करने का मिशन सक्सेसफुल रहा है।

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बढ़ गई है इसरो की चांद पर मानव मिशन की उम्मीदें

इसरो ने बताया कि विक्रम की सभी प्रणालियों ठीक तरह से कम कर रही है और वह सभी ठीक हालत में है। लैंडर के रैंप पर उपकरणों को बंद कर दिया गया है और प्रयोग के बाद फिर इन्हें सफलतापूर्वक तैनात किया गया है। इस प्रक्रिया में भविष्य में सैंपल वापसी और चंद्रमा पर मानव मिशन को पूरा करने की आशाएं नजर आ रही है। वहीं इस प्रयोग के सफल होने के बाद चंद्रयान के रोवर लैंडर को फिलहाल स्लीप मोड में डाल दिया गया है, क्योंकि चांद पर अब रात हो गई है। ऐसे में इन्हें सुरक्षित रूप से पार्क कर दिया गया है।

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बता दें अभी भी रोवर की बैटरी पूरी तरह से चार्ज है और उसका सोलर पैनल 22 सितंबर 2023 को चंद्रमा पर होने वाले अगले सूर्योदय पर प्रकाश से एनर्जी लेने की स्थिति में होगा। इसलिए इसरो को उम्मीद है कि अपने मिशन के दूसरे चरण के लिए रोवर 14 दिन बाद फिर से खड़ा हो जाएगा और अगर इसमें कामयाबी मिलती है, तो रोवर और लैंड भारत के मून एंबेसडर के तौर पर हमेशा के लिए वहां सेट हो जाएंगे।

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