बिहार को एक और ZOO का सौगात मिलेगी, अब इस जिले में बनेगा राज्य का दूसरा चिड़ियाघर

अभी तक पूरे बिहार में एक ही चिड़ियाघर है जो राजधानी पटना में है। इसका नाम है’ संजय गांधी जैविक उद्यान’। यहाँ सबसे ज्यादा भीड़ साल के पहले दिन होती है, जब लाखों की संख्या में सैलानी यहाँ पिकनिक मनाने आते है। लेकिन अब जल्द ही अररिया में राज्य का दूसरा चिड़ियाघर बनने जा रहा है। उसका सीधा सीधा लाभ सीमांचल क्षेत्र में रहनेवाले लोगों को मिलेगा। राज्य के कुछ क्षेत्रों में बंदरों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। अररिया के रानीगंज में 10 एकड़ भूमि में बन्दर घर का भी निर्माण किया जाएगा।

अररिया में बननेवाला चिड़ियाघर पटना के चिड़ियाघर जैसा ही होगा। इसकी घोषणा खुद राज्य के वन एवं पर्यावरण मंत्री नीरज कुमार बबलू ने किया है। बिहार विधानसभा में पेश वित्त वर्ष 2021-2022 के लिये लिए बजट में पर्यावण वन और जलवायु परिवर्तन के लिये 737.75 करोड़ रूपये की बजटीय मांग की गयी और इस पर विस्तृत चर्चा हुई। सरकार की और से जवाब देते हुए मंत्री नीरज कुमार अब्लू ने नए चिड़ियाघर की रूपरेखा के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि रानीगंज में बननेवाले प्रदेश के दूसरे चिड़ियाघर 89 एकड़ भूमि में फैला होगा। बंदरों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए रानीगंज में ही 10 एकड़ भूमि में बन्दर घर का भी निर्माण किया जाएगा। साथ ही साथ उन्होंने यह जानकार भी दी कि राजगीर में जू सफारी का उद्दघाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे।

पटना के चिड़ियाघर का इतिहास

आज संजय गांधी जैविक वनस्पति और प्राणी उद्यान या पटना चिड़ियाघर के नाम से मशहूर है। हालांकि इसकी स्थापना महज एक वनस्पति उद्यान के तौर पर किया गया था। यह 1969 में स्थापित हुई थी। बिहार के तत्कालीन राज्यपाल नित्यानंद कानूनगो ने बाग के लिए गवर्नर हाउस परिसर से 34 एकड़ भूमि इसके लिए दिया था। साल 1972 में लोकनिर्माण कार्य में इसमें 58.2 एकड़ जमीन और भी दिया गया। फिर राजस्व विभाग ने इस पार्क के विस्तार किए जाने में 60.75 एकड़ भूमि और जोड़ दिया। वहीं फिर साल 1973 में इस पार्क को जैविक उद्यान नाम दिया गया और फिर इसे आम जन के लिए खोल दिया गया। बता दें कि इस दरम्यान राजस्व विभाग और लोक निर्माण विभाग से अधिग्रहित भूमि को राज्य सरकार के द्वारा 8 मार्च 1983 को संरक्षित वन घोषित किया गया था।

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