बिहार यूनिवर्सिटी में जोड़े जायेंगे ये 4 नये विभाग, कई पदों पर होगी स्थायी नियुक्ति, कौन से होंगे नए कोर्स?

बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी (Bihar University) अपने अगले साल के नए सत्र में 4 नए विभागों को जोड़ने की तैयारी कर रही है। इस कड़ी में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा सरकार को नए विभागों की परमिशन के साथ ही स्थायी फैकल्टी की नियुक्ति के मामले में भी प्रस्ताव भेजा गया है। इस कड़ी में शिक्षा शास्त्र के साथ एमबीए, एमसीए और लाइब्रेरी साइंस के 4 नए विभागों की व्यवस्था को लेकर तैयारी की जा रही है।

मालूम हो कि फिलहाल इन विभागों से संबंधित कोर्स का संचालन दूसरे विभागों से कराया जा रहा है। इसके साथ ही स्थायी फैकेल्टी ना होने के कारण शिक्षण एवं रिसर्च सहित अन्य क्षेत्र में भी छात्रों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षा शास्त्र के लिए कई बार सरकार को पहले भी प्रस्ताव भेजा गया है, लेकिन अब तक सरकार से इस मामले में स्वीकृति नहीं मिली है। इसके साथ ही बिहार विश्वविद्यालय से राज्य के करीबन 5 दर्जन बीएड कॉलेज समृद्ध है, लेकिन उनकी निगरानी के लिए भी कोई विभाग अब तक नहीं बनाया गया है।

विश्वविद्यालय की ओर से सरकार को भेजा गया प्रस्ताव

इस मामले में बिहार विश्वविद्यालय के 4 नए विभागों के लिए पद सृजन कमेटी से स्वीकृति लेने के उपरांत सरकार को प्रस्ताव भेज दिया जायेगा। साथ ही कमेटी की बैठक बुलाने के लिए कुलपति की अनुमति भी मांगी गई है। बता दें कि विश्वविद्यालय में लंबे समय से पद सृजन के लिए कमेटी की बैठक नहीं हुई थी। वहीं बीते दिनों शिक्षा शास्त्र सहित अन्य विभागों का प्रस्ताव सीनेट से पास कराने के उपरांत सरकार को भेज दिया गया था, लेकिन पद सृजन कमेटी की स्वीकृति ना होने के कारण सरकार ने इसे मंजूरी नहीं दी थी।

इन कॉलेजों में शुरू हो सकते हैं नियमित कोर्स

जानकारी के मुताबिक एलएस कॉलेज में भूगोल व वाणिज्य की पढ़ाई फिलहाल सेल्फ फाइनेंस मोड़ पर चल रही है। विश्वविद्यालय की ओर से नियमित कोर्स के लिए प्रस्ताव भेजा गया है, लेकिन अभी इसे मंजूरी नहीं मिली है। इसके साथ ही मुंशी सिंह कॉलेज सहित कई कॉलेजों में नियमित कोर्स के लिए तैयार प्रस्ताव को पद सृजन कमेटी के स्तर पर जल्द ही भेजा जाएगा।

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इस पूरे मामले को लेकर विश्वविद्यालय के अधिकारियों का कहना है कि इन प्रस्तावों पर पहले से ही एकेडमिक काउंसलिंग सिंडिकेट और सीनेट की स्वीकृति ली जा चुकी है, लेकिन अब तक इस पर पद सृजन कमेटी की मुहर नहीं लगी है। यही वजह है कि सरकार के स्तर पर इसे स्वीकृति नहीं मिली है। पद सृजन कमेटी से प्रस्ताव स्वीकृत होने के बाद इसे मंजूरी के लिए एक बार फिर सरकार के समक्ष पेश किया जाएगा।

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