बिहार: भागलपुर में शुरू हुआ ‘काला अमरूद’ का उत्पादन, खाएंगे तो नहीं आएगा बुढ़ापा!

दुनिया में हर एक इंसान चाहता है कि वह हमेशा जवान रहे और उसे कभी बुढापा ना आये। ऐसे में अगर हम आपको बताये की मात्र एक अमरूद खाने से आपको बुढापे से मुक्ति मिल जाये तो फिर आप क्या कहेंगे। जी हां, ऐसा ही कुछ दावा किया है बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने अपने रिसर्च में। दरअसल काले अमरूद पर किये गए रिसर्च के बाद भागलपुर के वैज्ञानिकों ने ये दावा किया है कि काले अमरूद में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक होती है जिसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है इसलिए यह अमरूद बुढापे को रोकने में कारगर साबित होगा।

बिहार कृषि विभागभागलपुर के वैज्ञानिकों का यह कहना है कि उन्हें इस काले अमरूद की विशेषताओं के बारे में पहले कोई जानकारी नही थी। लेकिन अब जब इस फल के फायदे सामने आए है तो इसकी मांगे अब बढ़ती जाएंगी। वही विश्वविद्यालय के शोध के सह निर्देशक डॉक्टर फिजा के ने बताया कि बीएयू में पहली बार इस फल को लगाया गया है। यहां की मिट्टी व वातावरण इस फल के लिए बेहद उपयुक्त है। यह दो साल के अंदर पेड़ फल देने लगता है ऐसे में अब ये जरूरी है कि इस फल को लेकर प्रचार प्रसार शुरू किया जाए ताकि इसकी बाजार में बिक्री हो सके।

इसके अलावा बताया ये भी जा रहा है कि इस एक एक पौधे में कम से कम चार से पांच किलो का फल हुआ है। वही एक अमरूद का वजन लगभग सौ ग्राम के करीब है। काल अमरूद की विशेषताओं को जानने के बाद अब बीएयू इस शोध में जुट गए है कि कैसे इस पौधे को आम किसान उपयोग में ला सकेंगे।

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काफी फायदे मंद काला अमरूद

वैज्ञानिकों ने आगे बताया कि लोगों को इस काले अमरूद की विशेषताओं के बारे में जागरूक करना होगा। उनतक ये बात पहुंचानी होगी कि इस फल में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक होती है जिससे कि बुढापा आने से रोका जा सकता है। इस फल के सेवन से लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी औरशरीर में कई पौष्टिक तत्वों की कमी भी दूर हो जाएगी। वही डॉ. फिजा अहमद ने ये साफ तौर पर कहा है कि भविष्य में इस काले अमरूद की कर्मिशयल वैल्यू हरे अमरूद की तुलना में 20 से 25 प्रतिशत अधिक होगी।

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