बिहार: बढ़ गई शहर वाले मकान के नक्शे की वैधता, पाइपों से होगी गैसों की आपूर्ति

बिहार (Bihar) में लगातार हो रहे बदलाव के चलते राज्य में तेजी से विकास की बयार बह रही है। इस कड़ी में अब राज्य के शहरी निकायों में बनने वाले घरों के लिए स्वीकृति नक्शे (Bihar House Map Validity) की वैधता को 2 साल के लिए बढ़ा दिया गया है। बता दे पहले यह स्वीकृति नक्शा 3 साल के लिए वैध माना जाता था, लेकिन अब यह वैधता 5 साल (House Map Validity In Bihar) की कर दी गई है। इसके साथ ही 100 से अधिक आवास वाले ऊंचे भवनों के लिए पाइप लाइन (Gas Supply In Buildings) से गैस की सप्लाई अब अनिवार्य की गई है।

Bihar house map Validity

बिल्डिंग बायलॉज में संशोधन के साथ हुआ बदलाव

बता दें बिल्डिंग बायलॉज में संशोधन करते हुए कई बदलाव किए गए हैं, जिसके तहत नए बाइलॉज में एकीकृत टाउनशिप को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एफएआर यानी फ्लोर एरिया रेशो भी 3.0 की जगह अब 3.5 कर दिया गया है। इस बदलाव के मद्देनजर अब पहले की अपेक्षाकृत कम जगह पर ज्यादा ऊंची इमारतें बनाई जा सकेंगी। बहुमंजिला इमारतों के लिए अधिकतम ग्राउंड कवरेज को भी बदलते हुए 40% कर दिया गया है। इसके अलावा कम जोखिम वाले छोटे भवनों के लिए पार्किंग मांगों को संशोधित करते हुए कम कर दिया गया है।

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बिल्डिंग बायलॉज में किए गए बदलावों के मद्देनजर अब मकान के लिए पार्किंग की गणना बिल्डअप एरिया से नहीं, बल्कि सर्विस एरिया के आधार पर की जाएगी। बिल्डअप एरिया से घटाकर बचे हुए एरिया के आधार पर शॉपिंग मॉल और मल्टीप्लेक्स के लिए 35% और व्यवसायिक भवनों के लिए 30% और आवासीय भवनों के लिए 25% एरिया पार्किंग के लिए नए बाइलॉज में निर्धारित किया गया है।

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गंगा के आस-पास के एरिया में होगा सुधार

इसके साथ ही गंगा नदी के किनारे बनी शहर सुरक्षा दीवार से शहरी इलाकों की और भूमि पट्टी में भवन निर्माण के नियमों में बदलाव करते हुए ढील दी गई है। बता दे पहले 200 मीटर दूरी तक की भूमि पट्टी पर निर्माण करने पर रोक लगाई गई थी, जिसे अब घटाकर 15 मीटर तक कर दिया गया है। इसके साथ ही पहले से बने मकानों की मरम्मत और उनके जीर्णोद्धार के लिए भी छूट दी गई है, लेकिन यहां नए निर्माण को अनुमति अभी भी नहीं मिली है।

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बता दे गंगा नदी के किनारे निचले तटबंध से शहरी इलाकों की ओर यह प्रतिबंध 25 मीटर तक के लिए रखा गया है। मालूम हो कि अन्य नदियों के मामले में यह सीमा 100 मीटर तक लगी रोक से कम करते हुए 30 मीटर तक भूमि पट्टी का निर्माण पर प्रतिबंध कर दी गई है।

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