नीतीश सरकार ने नौकरी देने के लिए बनाया खास प्लान, इस नियमावली के आधार पर मिलेगी नौकरी

government job in bihar: जानकारी के मुताबिक बिहार (Bihar) में इस साल 893 उच्च माध्यमिक विद्यालयों और 300 अंगीभूत महाविद्यालयों में लाइब्रेरियन की नियुक्ति की जानी है, जिसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से पुस्तकालय अध्यक्षता पात्रता परीक्षा के लिए नियमावली भी तैयार की जा रही है। माना जा रहा है कि अब तक अंगी भूत महाविद्यालयों में पुस्तकालयाध्यक्ष, पुस्तकालय सहायक के पद पर विद्यालयों द्वारा नियुक्ति की प्रक्रिया की जाती थी। वहीं अब इस पर सरकार (Bihar Government) ने रोक लगाते हुए नई नियुक्ति नियमावली तैयार करनी शुरू कर दी है। नियुक्ति में पारदर्शिता लाने के लिए कर्मचारी चयन आयोग (Staff Selection Commission) को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है।

नई नीति के तहत होगी प्रधानाचार्य की नियुक्ति

वह इस कड़ी में बिहार के उत्क्रमित विद्यालयों में भी प्रधानाचार्य की नियुक्ति के लिए नई नीति तैयार की जा रही है। जानकारी के लिए बता दें कि सभी उत्क्रमित विद्यालय में केंद्रीय विद्यालयों की तर्ज पर ही प्रधानाध्यापक नियुक्त किए जाएंगे। पूर्व मध्य विद्यालयों और उत्क्रमण के बाद के उच्च विद्यालय के लिए अलग-अलग प्रभारियों को नियुक्त किया जायेगा। इसमें एक प्रधानाध्यापक होंगे जो परिसर के दोनों स्कूलों का प्रशासनिक काम संभालेंगे।

जल्द कॉलेजों में बढ़ाई जायेगी सीटों की संख्या

इसके साथ ही विभाग की ओर से उच्च शिक्षा में नामांकन दर को बढ़ाने के मकसद से सरकार अंगीभूत महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में सीटें भी बढ़ाने की तैयारी कर रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि जहां भी जरूरत होगी वहां सीटें बढ़ाई जाएंगी, लेकिन इसके लिए एक फॉर्मेट तैयार किया जाएगा जिसमें यूनिवर्सिटी कॉलेज को इसके लिए प्रस्ताव देना होगा। मालूम हो कि पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, पूर्णिया विश्वविद्यालय और मुंगेर विश्वविद्यालय में पीजी की पढ़ाई भी शुरू करवाने की तैयारी चल रही है।

इस यूनिवर्सिटी में बढ़ाई जायेंगी सीटे

बिहार सरकार ने संकलन नामांकन अनुपात (जीईआर) को बढ़ाने के मद्देनजर यह बदलाव किए हैं। इसी दिशा में सरकार काम भी कर रही है, वहीं इस मामले पर शिक्षा विभाग का कहना है कि साल 2015 में सभी संस्थानों में 20% सीटों की वृद्धि की गई थी। सीट बढ़ाने के लिए प्रस्ताव यूनिवर्सिटी व कॉलेज को ही देना होगा। पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी, मुजफ्फरपुर यूनिवर्सिटी, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय और मगध विश्वविद्यालय से प्रस्ताव भेजा जा चुका है। इन यूनिवर्सिटी इसके अलावा राज्य की अन्य किसी यूनिवर्सिटी ने भी सीटों को बढ़ाने के मामले में अब तक प्रस्ताव नहीं दिया है।

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