land acquired for roads: नेशनल हाईवे के लिए अधिकृत की जाने वाली निजी जमीन का मुआवजा अब चेक के जरिए नहीं, बल्कि सीधे जमीन के मालिक के बैंक खाते में एक तय अवधि के दौरान अनिवार्य रूप से स्थानांतरित किया जाएगा। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया जमीन का मुआवजा अब सीधे तौर पर डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर यानी डीबीडी के जरिए संबंधित लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर करेगा। खास बात यह है कि इस मामले में बिहार के संबंधित अधिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
अब सीधे बैंक खाते में आएगी राशि
गौरतलब है कि इस नई व्यवस्था से समाहरणालय के डीसीएलआर कार्यालय का हस्तक्षेप कम हो जाएगा। मौजूदा समय में यह व्यवस्था है कि जमीन के मुआवजे का चेक एनएचएआई के स्थानीय कार्यालय से डीसीएलआर के दफ्तर भेज दिया जाता है। लाभार्थी को यह चेक वहीं से उपलब्ध कराया जाता है। इस कड़ी में लोग लगातार डीसीएलआर कार्यालय को संपर्क करते रहते हैं। वहीं अब एनएचएआई की सहमति के बाद बैंक के माध्यम से लाभार्थियों को यह राशि सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी। लाभार्थी को चेक के लिए अब किसी से संपर्क करने की जरूरत भी नहीं होगी और ना ही बार-बार दफ्तर के चक्कर लगाने पड़ेंगे।
24 घंटे में मिल जायेगी मुआवजे की राशी
मालूम हो कि प्रोजेक्टर की मॉनिटरिंग के लिहाज से इस मामले में नए सिस्टम से मदद ली जाएगी। फिलहाल समीक्षा बैठक के दिन ही इस मामले से जुड़ी जानकारी का पता चलेगा कि किस जिले में कितनी संख्या में विभिन्न परियोजनाओं के लिए जमीन का मुआवजा वितरित किया जाएगा। डीसीएलआर के स्तर से यह जानकारी साझा की गई है कि अब हर रोज पोर्टल के माध्यम से यह जानकारी 24 घंटे में उपलब्ध होगी कि मुआवजे की कितनी राशि वितरित की जा रही है। इस प्रक्रिया के बाद प्रोजेक्ट की गति में भी तेज रफ्तार के साथ काम होगा।
एनएच द्वारा साझा की गई जानकारी के मुताबिक एनएच प्रोजेक्ट से जुड़े बहुत से मामले इस तरह के भी सामने आते हैं कि जिस व्यक्ति की जमीन ली जाती है, वह और अधिक राशि मुआवजे के रूप में मांगता है। इसलिए वह जमीन के लिए मुआवजे को लेकर बने चक को लेने से भी मना कर देता है। ऐसी स्थिति में कई बार मामला अटक जाता है और कई बार बैठक के बाद न्यायालय में उक्त व्यक्ति की राशि जमा कर दी जाती है और तब जाकर प्रोजेक्ट पर आगे का काम शुरू होता है। वहीं अब सरकार के इस फैसले के तहत इस तरह की समस्या नहीं आएंगी। इसके जरिये सीधे बैंक खाते में राशि भेज दी जाएगी। इस बाबत बनें पोर्टल पर संबंधित व्यक्ति के बैंक खाते वाले कॉलम की जगह यह सब दिखेगा कि उसे कितनी राशि भेजी गई है।
पुराने प्रोजेक्ट पर भी नए सिस्टम से होगा काम
मालूम हो कि नई परियोजना के साथ-साथ पुरानी सड़क प्रोजेक्ट में भी जमीन मुआवजा भुगतान का यह नया तरीका अपनाया जाएगा। ऐसे में अगर 10 एकड़ वाले किसी प्रोजेक्ट के लिए 6 एकड़ की जमीन अधिग्रहित की जा रही है, तो शेष 4 एकड़ की जमीन का मुआवजा नए सिस्टम के तहत ही दिया जाएगा।
मीडिया के क्षेत्र में करीब 7 साल का अनुभव प्राप्त हुआ। APN न्यूज़ चैनल से अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद कई अलग-अलग चैनलों में असिस्टेंट प्रोड्यूसर से लेकर रन-डाउन प्रोड्यूसर तक का सफर तय किया। वहीं फिलहाल बीते 1 साल 6 महीने से बिहार वॉइस वेबसाइट के साथ नेशनल, बिजनेस, ऑटो, स्पोर्ट्स और एंटरटेनमेंट की खबरों पर काम कर रही हूं। वेबसाइट पर दी गई खबरों के माध्यम से हमारा उद्देश्य लोगों को बदलते दौर के साथ बदलते भारत के बारे में जागरूक करना एवं देशभर में घटित हो रही घटनाओं के बारे में जानकारी देना है।