बिहार में बैन हुए ये 4 सिरप, 66 बच्चों की मौत के बाद WHO ने दी चेतावनी

WHO Banned 4 Medicine Syrups: बिहार सरकार (Bihar Government) द्वारा गुरुवार को हरियाणा में स्थित मैडेन फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड द्वारा निर्मित की गई 4 सिरप दवाइयों की बिक्री पर आधिकारिक तौर पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। वहीं इस मामले पर WHO यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी रिपोर्ट के बाद बिहार सरकार ने यह फैसला लिया है। बता दे WHO ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 4 दवाई गंभीर रूप से गुर्दे को प्रभावित कर रही है। गांबिया में हुई 66 बच्चों की मौत का कारण भी इन्हीं 4 सिरप दवाओं को बताया जा रहा है।

बिहार में बैन हुए ये 4 सिरप दवाइयां

WHO द्वारा साझा जानकारी के बाद राज्य दवा नियंत्रक रविंद्र कुमार सिन्हा ने बिहार में मैडन कंपनी की 4 दबाव की बिक्री पर रोक लगा दी है। साथ ही इस मामले में उन्होंने जानकारी साझा करते हुए बताया कि- डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में मैडन की 4 कफ सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि इन सिरप का बच्चों की किडनी पर गंभीर असर पड़ रहा है।

नमूने इक्ट्ठे करने और जांच के दिये निर्देश

बता दे स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीते दिनों बताया था कि मैडन के 4 सिरप प्रोमीथाजिन ओरल सॉल्यूशन, कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप, मकॉफ बेबी कफ सिरप और मैग्रीप एन कोल्ड सिरप भारत में नहीं बेचे जा रहे हैं। यह केवल निर्यात के लिए ही बनाए जा रहे हैं। राज्य औषधि नियंत्रक रविंद्र सिन्हा ने बताया कि सहायक औषधि नियंत्रक को और औषधि निरीक्षकों को आज दवाओं के नमूने इकट्ठा करने और उन्हें परीक्षण के लिए भेजने के निर्देश दिए गए हैं। बिहार में राज्य में दवाओं के सेवन के बाद अब तक किसी की भी मौत का मामला सामने नहीं आया है।

अगर मेडिकल स्टोर पर मिले ये सिरप तो होगी सख्त कार्रवाई

वहीं इस मामले पर राज्य ड्रग कंट्रोलर रविंद्र सिन्हा में जानकारी साझा करते हुए बताया कि अधिकारियों को इस मामले में सख्त से सख्त निर्देश दिए गए हैं, कि मैडन फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड के यह 4 सिरप को मेडिकल स्टोर या क्लीनिक पर उपलब्ध पाए जाने पर औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 एवं नियम 1945 के मुताबिक सख्त कार्रवाई करते हुए मुख्यालय को इस मामले में सूचित किया जाए।

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बता दे विश्व विद्यालय संगठन की ओर से सभी देशों को इन दवाओं का पता लगाने और रोगियों को और अधिक नुकसान से बचाने के लिए और इनके उपयोग पर बैन करने की सिफारिश की थी। डब्ल्यूएचओ की ओर से यह भी कहा गया था कि वह इन दवाइयों का पता लगाने और रोगियों को और अधिक नुकसान से बचाने के लिए इनके उपयोग पर पूरी तरह से बैन लगा दे। WHO ने कहा कि ये दवाएं डायथिलीन ग्लाइकोल और एथिलीन कैले के निर्धारित स्टैंडर्ड से अधिक हैं, ऐसे में इनका उपयोग हर मरीज के लिए हानिकारक है, इससे उनकी जान भी जा सकती है।

66 बच्चों की मौत से जुड़ा है मामला

मालूम हो कि गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत का कारण बनने वाली मैडन कंपनी की 4 सिरप को देश के कई अन्य राज्यों द्वारा बैन करने की दिशा में काम चल रहा है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश के भोपाल प्रयोगशाला में टेस्टिंग के बाद आधिकारिक तौर पर इसकी अधिसूचना जारी की जायेगी।

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