बिहार के यूनिवर्सिटियों (Bihar University) में तीन साल ग्रेजुएशन डिग्री के जगह अब छह महीने पर परीक्षा आयोजित की जाएगी। तीन वर्षीय परीक्षाओं के जगह 3 वर्ष में छह परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। पटना यूनिवर्सिटी में सेशन 2022-23 में मॉडल के तौर पर इस सिस्टम (Semester System Be Implemented In Graduation) को लागू किया जाएगा। फिर राज्य के बाकी 13 सभी विश्वविद्यालयों में इस सिस्टम (Bihar Education System) को लागू करने की योजना है। बता दें कि फिलहाल बिहार के किसी भी यूनिवर्सिटी में च्वाइस बेस्ट क्रेडिट सिस्टम लागू नहीं है। नई शिक्षा नीति (New Education Policy) के तहत तीन साल ग्रेजुएशन डिग्री सीबीसीएस सिस्टम लागू किया जाएगा।
यूनिवर्सिटी में लागू होगा बदला हुआ नियम
यूनिवर्सिटियों में 2018 से मात्र मास्टर डिग्री में सीबीसीएस लागू है। ग्रेजुएशन डिग्री में सीबीसीएस सिस्टम के लिए तीन यूनिवर्सिटी पाटलिपुत्र विवि, पटना विवि और नालंदा ओपन यूनिवर्सिटियों की समिति बनाई गई है। राजभवन अनुमति के लिए इनकी अनुशंसा मिलने के तत्काल बाद इसका प्रस्ताव भेजा जायेगा।
छह महीने पर परीक्षा आयोजित होने से स्टूडेंट्स को सिलेबस की समाज में ज्यादा होगी। परीक्षा में भी सुलभता होगी। इस सिस्टम के लागू हो जाने के बाद विद्यार्थियों को तीन प्रश्न पत्रों को एक बार में परीक्षा देनी होगी वर्तमान में छात्रों को छह प्रश्न पत्रों की परीक्षा एक साथ देनी होती है।
चार वर्षीय ग्रेजुएशन डिग्री यूजीसी डिजाइन कर रहा है। डिग्री कोर्स आने के बाद उसे राज्य में लागू कर दिया जाएगा। इसके तमाम तैयारी पूर्ण हो गई है। इसकी पढ़ाई में संकाय रुकावट नहीं डालेगा। कला, वाणिज्य और विज्ञान विद्यार्थी भी इसमें पढ़ सकेगा।
बुधवार को यूजीसी ने नई गाइडलाइन जारी की है। अब छात्र एक साथ दो डिग्री कंप्लीट कर सकते हैं। सभी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर और संस्थानों-कॉलेजों के प्रधान को खत लिखकर इस बाबत जानकारी दी गई है। जारी अधिसूचना में इंग्लिश में लिखा है कि निर्धारित समय के मुताबिक 2 डिग्री छात्र एक समय में पूरा कर सकते हैं।
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