बिहार सरकार (Bihar Government) भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ज़ीरो टॉलरेंस के तहत काम कर रही है। इस कड़ी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश के बाद निगरानी विभाग और विशेष निगरानी इकाई ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए जगह-जगह छापेमारी कर रहे हैं। हाल ही में सामने आए आंकड़ों के आधार पर बीते वर्ष 2020 में जहां ट्रैप के 22 मामले दर्ज किए गए थे, तो वही निगरानी विभाग की सक्रियता के चलते 2021 में 30 सितंबर तक 41 ट्रैप के मामले (Corruption in Bihar) दर्ज किए गए हैं।
साथ ही रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए 54 अधिकारियों की गिरफ्तारी भी की गई है। सामने आए आंकड़ों के मुताबिक भ्रष्टाचार के मामले में राजस्व विभाग सबसे अव्वल दर्जी पर शामिल है, जिसमें 20 पदाधिकारी कर्मचारियों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है।
क्या कहते है बिहार के भ्रष्टाचार आंकड़ें
भ्रष्टाचार के मामले में सामने आए खुलासे के मुताबिक साल 2021 में सबसे बड़ा घूसखोर उच्च न्यायालय भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता राजेश कुमार है। बता दे राजेश कुमार को हाल ही में 8 लाख रूपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ निगरानी टीम ने गिरफ्तार किया था। वही तलाशी के दौरान उनके घर से एक करोड़ से अधिक सोने के आभूषण भी बरामद किए गए थे। बात सबसे कम रिश्वत लेने के मामले की करें तो इसमें समाज कल्याण विभाग के मधुबनी जिला स्थित राजनगर के बाल विकास परियोजना कार्यालय के डाटा ऑपरेटर महेश कुमार को निगरानी टीम ने 3300 रंगे हाथ लेते हुए गिरफ्तार किया था।
जारी है ताबड़तोड़ कार्रवाई
निगरानी विभाग के एडीजी सुनील कुमार झा ने इस मुद्दे पर स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा था कि- भ्रष्टाचार और रिश्वत से जुड़े जो भी मामले सामने आते हैं उसमें जांच कर शत-प्रतिशत कार्रवाई की जाए। साथ ही इस मामले में इस बात का खासतौर पर ध्यान रखा जाए कि चाहे कोई कितना भी प्रभावी या रसूखदार क्यों ना हो, किसी भी कीमत पर किसी भी भ्रष्टाचारी को बख्शा नहीं जाएगा।
कौन है बिहार का सबसे बड़ा भ्रष्टाचारी?
निगरानी विभाग ने 41 ट्रैप कांड के मामलों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है, जिनमें 27 लाख 43 हजार की नगदी गिरफ्तार भ्रष्टाचारियों के पास से मौके से बरामद हुई है। वहीं अतिरिक्त राशि के रूप में रिश्वतखोरी के पास से करीब 27 लाख रुपए नगद भी बरामद किए गए हैं। बात घर की तलाशी की करें, तो गिरफ्तार भ्रष्टाचारियों के पास से कुल 5 करोड़ 52 लाख रुपए नगद और 4 करोड़ 83 लाख के आभूषण बरामद किए गए हैं। बता दे सजा दिलाने वाले लोगों में 51 भ्रष्ट लोगों के नाम शामिल हैं। निगरानी विभाग ने कुल 51 भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है।
निगरानी टीम की धरपकड़ में ये रसूकदार भ्रष्टाचारी
1. राजेश कुमार ,कार्यपालक अभियंता भवन निर्माण विभाग 8 लाख
2. गुड्डू कुमार ,बीआरपी 45 हजार
3. विरेन्द्र पासवान,राजस्व कर्मचारी 50 हजार
4. नीरज कुमार, कनीय अभियंता 25 हजार
5. देव नारायण मेहता ,राजस्व कर्मचारी 51 हजार
6. राजकृष्ण उर्फ पिन्टू,क्लर्क 10 हजार
7. संजय कुमार ,ओपी अध्यक्ष 25 हजार
8. संतोष कुमार ,अंचलाधिकारी 20 हजार
9. श्यामाकांत प्रसाद ,अंचलधिकारी दो लाख 50 हजार और 33 लाख का आभूषण
10. सुभाष चंद्र राम, एएसआई 26 हजार
11. रामप्रीत पासवान 12. जगदीश राम, राजस्व कर्मचारी 12 हजार
13. अमन कुमार 14. सरदे आलम, एसआई 10 हजार
15. अभिनंदन प्रसाद सिंह, सीआई 1 लाख
16. दयाशंकर, सीआई, राजस्व कर्मचारी 50 हजार
17. राजू रजक, कनीय अभियंता 12 हजार
18. उमा प्रसाद, राजस्व कर्मचारी सह सीआई 4 हजार
19. गोपालजी सिंह, राजस्व कर्मचारी 10 हजार
20. राम प्रसाद राम, राजस्व कर्मचारी पाँच हजार
21. शिवनंदन यादव, निजी सहायक
22. राकेश कुमार, लिपिक 10 हजार
23. मंजू कुमारी, सीडीपीओ 20 हजार
24. रीता देवी, सेविका
25. अरविंद कुमार भारती, भू-अर्जन पदाधिकारी एक लाख 30 हजार
26. माधव चंद्र साह, प्रधान लिपिक
27. मनोज रंजन चौधरी, नाजीर25 हजार
28. रामचंद्र प्रसाद, अमीन 25 हजार
29. कुमार आलोक, श्रम अधीक्षक 55 हजार
30. मनोज कुमार ,अनुसेवक
31. नितीन कुमार, कनीय अभियंता, 50 हजार
32. कौशल किशोर त्रिपाठी,एमवीआई 1 लाख
33. बाबा, प्राइवेट मुंशी
34. अभय कुमार, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी 80 हजार
35. राजेश कुमार, थानाध्यक्ष -60 हजार
36. विवेक कुमार ,सिपाही
37. रामचंद्र पासवान ,कार्यपालक अभियंता 80 हजार
38. शशि कुमार श्रीवास्तव, कम्प्यूटर ऑपरेटर
39. मो सलाहुद्दीन, सहायक प्रबंधक 25 हजार
40. डा सुभाष चंद्र बैठा- चिकित्सा पदाधिकारी – डेढ़ लाख
41. राजेंद्र प्रसाद सिन्हा ,लिपिक- 30 हजार
42. बिन्देश्वरी सदा, प्रधान लिपिक 50 हजार
43. मनोज कुमार चौधरी, मुखिया 10 हजार
44. कन्हैया जी, निजी सलाहकार
45. डा मनोज कुमार, थानाध्यक्ष 30 हजार
46. सुजीत कुमार, लिपिक -जिला शिक्षा पदाधिकारी 15 हजार
47. जितेन्द्र कुमार सिन्हा, कार्यपालक पदाधिकारी .. 20 हजार
48. कुमार मनीष, राजस्व कर्मचारी -50 हजार
49. दिनेश ठाकुर, कनीय अभियंता -55 हजार
50. महेश कुमार, डाटा ऑपरेटर -3 हजार 300
51. रंजन प्रसाद कुमार, अधीक्षण अभियंता 1 लाख 30 हजार
52. दिलीप कुमार, राजस्व कर्मचारी -10 हजार
53. रमेश चौधरी, प्रधान लिपिक-15 हजार
54. संजय कुमार, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी 10 हजार
ज़ीरो टॉलरेंस के तहत काम कर रही बिहार सरकार की निगरानी विभाग और विशेष निगरानी इकाई की अगली नजर किन लोगों पर है इसका खुलासा आने वाले वक्त में होने वाली घरपकड़ नीति के साथ हो जायेगा।
(Source- News18 Hindi)
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