Bhagwan Ram ke vanshaj: अभी कुछ समय पहले ही भगवान राम का अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा हुआ है. भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा के बाद पूरे देश में भगवान राम के श्रद्धालु अयोध्या आने के लिए उत्सुक है. भगवान श्री राम रघुवंश के थे और रघुवंश की जड़े इच्छावाकू और विवस्वान से जुड़ी हुई है. राम के बाद लव और कुश इस वंश को आगे बढ़ाए थे. लोग अभी भी जानना चाहते हैं कि भगवान राम के वंशज कहां रहते हैं.
भगवान राम ने कुश को दक्षिण कौशल, कुशस्थली (कुशावती) और अयोध्या राज्य सौंप दिया था वहीं लव को पंजाब. लव ने लाहौर को राजधानी बनाया था. वहीं तक्षशिला में भरत पुत्र तक्ष को तथा पुष्करावती (पेशावर) में पुष्कर को राज मिला. इसके अलावे हिमाचल में लक्ष्मण पुत्रों का शासन था. मथुरा शत्रुघ्न के पुत्र सुबाहु को दिया गया और उनके दूसरे पुत्र शत्रुघाती का भेलसा (विदिशा) के सिंहासन मिला।
लव से चला ये वंश: Bhagwan Ram ke vanshaj
राजा लव से राघव राजपूत का जन्म हुआ था जिसमें बड़गुजर, जयास और सिकरवारों का वंश चला. वहीं इसकी दूसरी शाखा थी सिसोदिया राजपूत वंश की जिसमें बैचल और गहलोत के वंश हुए. कुश से कुशवाह राजपूत का वंश चला था.
जयपुर का यह राजघराना है भगवान राम का वंशज
जयपुर राजघराना राम का वंशज है. जयपुर राजघराने की महारानी पद्मिनी और परिवार के लोग राम पुत्र कुश के वंशज है. कुछ समय पहले ही महारानी पद्मिनी ने एक इंटरव्यू दिया था जिसमें उन्होंने बताया था कि उनके पति भवानी सिंह कुश के 307 वें वंशज है.
इस घराने की बात करें तो महाराजा मानसिंह द्वितीय ने तीन शादियां की थी. पहली पत्नी मरुधर कंवर दूसरी पत्नी किशोर कंवर और तीसरी पत्नी गायत्री देवी थी. मानसिंह और उनकी पहली पत्नी से जन्मे पुत्र का नाम भवानी सिंह था और उनका विवाह राजकुमारी पद्मिनी से हुआ. दोनों का कोई बेटा नहीं है उनकी एक बेटी है जिनका नाम दिया है. दिया कुमारी राजनीति में सक्रिय है और अभी राजस्थान के उपमुख्यमंत्री बनी है. प्रिया कुमारी के दो बेटे हैं जिनका नाम पदमनाभ सिंह और लक्ष्यराज सिंह है.
जयपुर के राजघराने ने पेश किया था सबूत
अयोध्या में राम मंदिर को लेकर जब अदालत में सुनवाई चल रही थी तब जयपुर राजघराने के पूर्व महाराजा भवानी सिंह की बेटी दिया कुमारी ने सार्वजनिक तौर पर कुछ सबूत पेश किया था. जाहिर होता है कि यह राज परिवार भगवान राम के बड़े बेटे कुश वंशावली से आता है.
पूर्व राजकुमारी और दिया कुमारी ने इसके कई सबूत दिए. उन्होंने वह पत्रावली भी दिखाई जिसमें भगवान श्री राम के वंश के सभी पूर्वजों का नाम क्रमवार दर्ज किया गया है. इसी में 289 हुए वंशज के रूप में सवाई जयसिंह और 307 में वंशज के रूप में महाराजा भवानी सिंह का नाम है.
कुश के नाम पर कुशवाहा या काछवाह वंश
कछवाहा वंश को भगवान राम के बड़े बेटे कुश के नाम पर रखा गया है. इसकी वंशावली के अनुसार 62वें वंश राजा दशरथ सातवें वंशज श्री राम 64 में वंशज कुश थे. 289 वें बंसज आमेर जयपुर के सवाई जयसिंह ईश्वरी सिंह और सवाई माधो सिंह पृथ्वी सिंह और भवानी सिंह 307 वे बंसज थे.
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