एम्स-दीघा एलिवेटेड रोड का नाम होगा पाटलि पथ, कल होगा पटना मे डबल डेकर फ्लाइओवर का शिलान्यास

अब एम्स-दीघा एलिवेटेड रोड का नाम बदलकर पाटलि पथ कर दिया जाएगा। बता दे कि नाम बदलने का प्रस्ताव पथ निर्माण विभाग की तरफ से मुख्यमंत्री के सामने पेश किया गया था, पटना शहर के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नाम बदलने पर अपनी सहमति दे दी है। विभाग की तरफ से बताया गया कि गौतम बुद्ध के समय बिहार में गंगा नदी के उत्तर में वृज्जि गणराज्य और दक्षिण में मगध साम्राज्य था। जब आखिरी बार बुद्ध मगध गये थे, तो उस समय गंगा और सोन के संगम के पास पाटलि नामक गाँव बसा हुआ था।

बताया जाता है कि प्राचीन काल मे मगध के राजा आजातशत्रु ने लिच्छवी गणराज्य का अंत करके लिच्छवियों के आक्रमणों से मगध की रक्षा के मकसद से पाटलिग्राम के पास मिट्टी का एक दुर्ग बनवा दिया। अजातशत्रु के पुत्र उदयन द्वारा इसी स्थान पर पाटलिपुत्र नगर को बसाया गया, जो बाद मे पटना के नाम से जाना जाने लगा।

कल किया जाएगा डबल डेकर फ्लाइओवर का शिलान्यास

कल यानि 25 अगस्त के दिन सीएम नीतीश कुमार द्वारा कारगिल चौक से एनआइटी मोड़ तक डबल डेकर फ्लाइओवर का शिलान्यास किए जाने की संभावना है। जानकारी के मुताबिक शिलान्यास कार्यक्रम ऑनलाइन किया जाएगा। बता दे कि इस परियोजना को पूरा करने मे लगभग 324 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस फ्लाइओवर की लम्बाई लगभग 2070 मीटर होगी। अनुमान है निर्माण कार्य शुरू होने के बाद दो साल के अंदर यह पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा।

पुल निर्माण निगम के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक निर्माण कार्य शुरू करने को लेकर सारी तैयारियाँ की जा रही है। बताया गया कि कारगिल चौक से आगे शिलापट्ट लगाए जाने की योजना है तो वहीं, कारगिल चौक से आगे अशोक राजपथ में बिहार स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक के सामने बैरिकेडिंग कर मिट्टी जांच के लिए सड़क की खुदाई का काम शुरू कर दिया गया है।

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चयनित किए गए कंपनी द्वारा की जा रही मिट्टी की जांच

डबल डेेकर फ्लाइओवर के निर्माण के लिए गावर कंपनी को नियुक्त किया गया है। बता दे कि यह निर्माण कार्य इपीसी मोड मे किया जाएगा इसलिए चयनित कंपनी को इसकी इंजीनियरिंग, डिजाइन व निर्माण के काम कि जिम्मेदारी दी गई है। कंपनी के इंजीनियरो द्वारा मिट्टी जांच का काम शुरू किया जा चुका हैं। सूत्रों ने मिली जानकारी के मुताबिक कंपनी के द्वारा मिट्टी जांच के बाद डिजाइन, मापी आदि का काम पूरा किए जाने के बाद ही निर्माण काम आरम्भ हो सकेगा। कहा जा रहा कि अक्तूबर से निर्माण कार्य शुरू होने की सम्भावना है। पुल निर्माण निगम की देखरेख में सारा काम किया जाएगा।

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