पटना में रिटायरमेंट के बाद छात्रो ने अपने गुरु जी को रथ पर किया विदा, नजारा देख भावुक हुए लोग

माता–पिता के बाद अगर किसी का स्थान आता है तो वह हैं गुरु । गुरु को भारतीय संस्कृति में अति सम्मान दिया जाता है। आज के दौर में भी विद्यार्थी और शिक्षक का संबंध अनमोल है। आपको हर दूसरे विद्यालय में ऐसे विद्यार्थी और शिक्षक मिल जायेंगे जिन्होंने गुरु–शिष्य के परंपरा को जीवित रखा है।

एक ऐसा ही बिहार की राजधानी पटना के एक स्कूल में शिक्षकों के सम्मान का अद्भुत नजारा देखा गया। यह नजारा पटना के बेली रोड पर स्थित “केंद्रीय विद्यालय” का था जिसे देखने के बाद लोगों की आंखे श्रद्धा से नम हो गई।

बेली रोड स्थित “केंद्रीय विद्यालय” की बात

पटना एयरपोर्ट के समीप और बेली रोड स्थित “केंद्रीय विद्यालय” में रविवार को 13 शिक्षकों को भव्य तरीके से बिदाई दी गई । शिक्षकों को रथ पर बैठाकर झांकी भी निकाली गई। आपको बता दें की यह सब देखकर सब इमोशनल( भावुक) हो रहे थे और सबके आंखों से आंसू निकल रहे थे। प्राचार्य पी.के.सिंह ने समारोह में उपस्थित अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ देकर किया।
उन्होंने इस मौके पर संबोधित करते हुए कहा की शिक्षक कभी छुट्टी नही लेता है। जबतक शिक्षा रहेगी शिक्षा की लौ को शिक्षक जलाते रहेंगे।

इस विदाई समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय विद्यालय संगठन के उपायुक्त वाई.अरुण थे। उन्होंने कहा की शिक्षक ही है जो एक सभ्य समाज का निर्माण करते हैं। उनकी सेवा और समर्पण की मिसाल देते हुए कहा की सभी लोगों को अपने जीवन में यह चरितार्थ करना चाहिए।

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इस मौके पर केंद्रीय विद्यालय संगठन की सहायक आयुक्त सोमा घोष भी मौजूद थीं। उन्होंने कहा की शिक्षको की त्याग से ही समाज का निर्माण होता है । उनसे हमें बहुत कुछ सीखने की मिलता है। उनका जीवन स्वार्थरहित बीतता है।

इस समारोह में शिक्षक विजय बहादुर सिंह, अर्चना झा, चितरंजन जमैयार, सुजीत कुमार मिश्रा, कमलेश कुमार , अवधेश नारायण सिंह, विनय कुमार सिन्हा ,रामाधार सिंह, श्याम दलाल यादव, उमाकांत पाण्डेय, शिवचंद्र राय, जोगेश्वर पासवान, और अरुण कुमार मिश्रा को विदाई दी गई।
इस विदाई समारोह के अवसर पर केंद्रीय विद्यालय कंकड़बाग के प्राचार्य एमके सिंह सहित अन्य शिक्षक उपस्थित थे। कार्यक्रम में एंकर की भूमिका को मनोज कुमार उपाध्याय और एसपी गुप्ता बखूबी निभाया।

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