अर्जुन तेंदुलकर से भी बेकार हैं ये 3 खिलाड़ी, लेकिन सेटिंग के जरिए बने भारतीय टीम का हिस्सा !

मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर ने इस साल आईपीएल में डेब्यू किया। इसी साल दुनिया ने देखा कि एक महान बैट्समैन का युवा बेटा जो क्रिकेट के परवरिश में भरा हुआ है और जिसे खिलाड़ी बनाने के लिए तमाम फैसिलिटी उपलब्ध कराई गई हैं, उसका प्रदर्शन कैसा है। आईपीएल में अर्जुन तेंदुलकर के निराशाजनक प्रदर्शन को देखकर क्रिकेट पंडितों की अलग-अलग प्रतिक्रिया थी। अधिकतर ने यह कहा कि अर्जुन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए नहीं बने हैं। इस आर्टिकल में ऐसे खिलाड़ियों की चर्चा कर रहे हैं जिनमें अर्जुन जितना भी टैलेंट नहीं था, मगर हुए भारतीय टीम की ओर से खेल गए।

परविंदर अवाना:

डोमेस्टिक क्रिकेट दिल्ली की ओर से खेलने वाले दाएं हाथ के फास्ट बॉलर परविंदर अवाना 62 फर्स्ट क्लास मैचों में 191, 61 टी-20 मुकाबलों में 77 विकेट जरूर लिए हो लेकिन ऐसे आंकड़ों के बावजूद वह कभी अपने आप को साबित नहीं कर सके जिसे भारतीय टीम में उन्हें जगह मिले। साल 2012 में उन्हें डेब्यू का अवसर मिला था। इंग्लैंड के विरुद्ध 2 टी-20 मुकाबले खेले लेकिन उन्हें एक भी सफलता नहीं मिली। आईपीएल में साधारण प्रदर्शन के बाद 2018 में उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कह दिया।

पंकज सिंह:

दाएं हाथ के फास्ट बॉलर पंकज सिंह को टीम इंडिया के साथ खेलने का मौका जरूर मिला था लेकिन वह अपने प्रदर्शन से खासा प्रभावित नहीं कर सके और नतीजतन टीम से बाहर होना पड़ा। साल 2010 में एकदिवसीय और 2014 में टेस्ट में पदार्पण करने वाले पंकज सिंह ने टीम इंडिया के लिए 2 टेस्ट में 2 विकेट और इकलौते वनडे में 1 विकेट लिए। वैसे उन्होंने 117 प्रथम श्रेणी मैच में 472 विकेट लिए हैं।

परवेज रसूल:

जम्मू कश्मीर की ओर से डोमेस्टिक क्रिकेट खेलने वाले 34 वर्षीय परवेज रसूल लंबे वक्त से खेल रहे हैं। बतौर गेंदबाज की हैसियत से देखें तो उन्होंने अभी तक 90 फर्स्ट क्लास, 159 लिस्ट ए और 71 टी 20 मुकाबले खेले हैं। फर्स्ट क्लास में उन्होंने 5194 रन और 319 विकेट लिए, लिस्ट ए में 3807 रन और 204 विकेट और
टी20 में 840 और 60 विकेट लिए हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मौका मिला तो वह पूरी तरह फेल साबित हुए। एक एकदिवसीय और एक टी-20 मैच में उनके नाम सिर्फ एक विकेट दर्ज है