KBC: दृष्टिहीन हिमानी बुंदेला बनी करोड़पति पर 7 करोड़ जीतने का सपना रह गया अधूरा, ये था 7 करोड़ वाला सवाल !

टेलीविज़न के बहुचर्चित शो “कौन बनेगा करोड़पति” को देश में हर वर्ग के लोग देखना खूब पसंद करते हैं और बीते 24 अगस्त को इस शो के 13 सीज़न की शुरुवात हो चुकी है। ऐसे में ताजनगरी की शिक्षिका हिमानी बुंदेला ने इस शो में अपने शानदार प्रदर्शन और ज्ञान से लोगों को हैरान कर दिया है। बतादें कि हिमानी इस सीजन की पहली करोड़पति बन चुकी हैं और उनके इस एपिसोड को 30 अगस्त को टेलिविज़न पर प्रसारित किया गया था। आपको जानकर हैरानी होगी कि बिना किसी लाइफ लाइन के हिमानी ने एक करोड़ अपने नाम किये है। हालांकि वह सात करोड़ की रेस में पीछे रह गई। मगर इस शानदार प्रदर्शन के बाद हिमानी के परिवार वाले बेहद खुश हैं।

यह था सात करोड़ के लिए पूछा गया सवाल :-

हिमानी बुंदेला

 

सात करोड़ के लिए बॉलीवुड के शहेंशाह और इस शो के होस्ट अमिताभ बच्चन ने हिमानी से सवाल पूछा था कि “डॉ बी आर आंबेडकर द्वारा लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में प्रस्तुत हुए थीसिस का शीर्षक क्या था जिसके लिए उन्हें 1923 में डॉक्टरेट की उपाधि दी गई थी?”
1.द वांट्स एंड मीन्स ऑफ इंडिया
2.द प्रॉब्लम ऑफ रूपी
3. नेशनल डिविडेंट ऑफ इंडिया
4. द लॉ ऑफ लॉयर
जिसका सही जवाब था ‘द प्रॉब्लम ऑफ रूपी’ था।

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दृष्टिहीन होने के बावजूद बच्चों को रौशनी दिखाने का करती हैं काम :-

हिमानी बुंदेला

 

बतादें कि इस सीजन की पहली करोड़पति बनी हिमानी एक बेहद जिंदादिल और बिंदास लड़की हैं। मूल रूप से आगरा के गुरु गोविंद नगर में रहने वालीं हिमानी बुंदेला पेशे से एक टीचर है और वह बच्चों को पढ़ाने के साथ ही अपने स्कूल मे दिव्यांग बच्चों के लिए अवेयरनेस प्रोग्राम भी चलाती हैं। आपको जानकर हैरानी होगी की हिमानी देख नही सकती लेकिन इसके बावजूद वह बच्चों के जीवन में रोशनी देने के लिए कई प्रोग्राम शुरू करना चाहती हैं। हालांकि हिमानी बचपन से ही दृष्टिहीन नही थी बल्कि एक हादसे ने उनसे उनकी आंखों की रौशनी छीन ली थी।

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पिता और बहन ने खूब प्रोत्साहित किया :-

हिमानी बुंदेला

 

महज 15 साल की उम्र में हिमानी का ऐसा एक्सीडेंट हुआ जिसके कारण उनके आंखों की रौशनी चली गई थी। इस हादसे के बाद हिमानी काफी टूट चुकी थी मगर उनके परिवार वालों ने उनका खूब मनोबल बढ़ाया। खास तौर पर हिमानी के पिता और उनकी बहन ने हिमानी के हर कदम पर उनका साथ दिया और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।

डॉक्टर बनना चाहती थी हिमानी बुंदेला :-

हिमानी बुंदेला

आगरा से ताल्लुक रखने वाली हिमांशी बुंदेला बचपन से ही पढ़ने में खूब होशियार थी और एक कामयाब डॉक्टर बनना चाहती थी मगर आंखों की रौशनी जाने के बाद उनका वो सपना अधूरा रह गया। लेकिन हिमानी के परिवार वालों ने उन्हें हमेशा आगे पढ़ने और बढ़ने में मदद की जिसके बाद हिमानी ने ग्रेजुएशन करने के बाद बीएड करने का फैसला लिया। पढ़ाई खत्म होने के बाद हिमानी बुंदेला का सलेक्शन केंद्रीय विद्यालय में हुआ और वह स्कूल में पढ़ाने लगीं जहां वह बच्चों की पढ़ाई के साथ साथ उन्हें जागरुक बनाने के लिए अलग अलग प्रोग्राम चलाती हैं।

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