भारत के सबसे बड़े ब्रांड्स में से एक है जेसीबी जिसकी मशीनें सबने अपने आसपास में देखी होंगी। भारत में तो लोगों के बीच जेसीबी को लेकर अलग ही क्रेज है। जब भी कही जेसीबी की खुदाई होती है तो उसे देखने के लिए लाखों लोगों की भीड़ उमड़ जाती है और इनसब में सबसे खास बात ये है कि कई घण्टों तक लोग इसे बिना बोर हुए देखते रहते हैं। तो इससे आप जेसीबी के ब्रांड वैल्यू का अंदाज़ा लगा सकते हैं।
लेकिन क्या आपने कभी नोटिस किया है कि जेसीबी के ज्यादातर मशीनें पीले रंग की होती है। ये किसी और रंग में कभी नही होती। इन मशीनों को कभी भी लाल, हरा या नीला रंग नहीं दिया जाता है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि आख़िरखार मशीनों को पीले रंग के रंगने की वजह क्या है साथ ही JCB से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें भी बताते हैं।
जेसीबी एक ब्रिटिश मशीन निर्माण कंपनी है :-
सबसे पहले ये जान लें कि JCB एक मशीन निर्माण कंपनी है जिसका मेन हेडक्वाटर स्टैफोर्डशायर, इंग्लैंड में है। इससे एक बात तो साफ है कि ये एक ब्रिटिश मशीन निर्माण कंपनी है जिसकी बनाई गई मशीनें दुनिया भर में इस्तेमाल की जाती है और इस कंपनी में अधिकतर कंस्ट्रक्शन से जुड़े कामों में काम आने वाली मशीनें ही बनती है। यही नही इस कंपनी की योजनाएं विश्व के 4 महाद्वीपों में हैं।
ऐसे पड़ा कंपनी का नाम जेसीबी :-
इस कंपनी की एक और खास बात ये है कि ये विश्व की पहली अनाम मशीन है जिसे साल 1945 में लांच किया गया था। इस कंपनी को बनाने वाले लोगों ने कई दिनों निर्माण के बाद इसके नाम के बारे में सोचा था मगर कुछ अच्छा नाम ना सूझने के बाद उन्होंने इसका नाम जोसेफ सायरिल बमफोर्ड यानी कि जेसीबी रख दिया।
जेसीबी का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है भारत :-
बेहद कम लोग ये जानते होंगे कि जेसीबी ऐसी पहली ब्रिटिश कंपनी थी जिसने भारत में अपनी फैक्ट्री शुरू की थी और आज के समय में भारत दुनिया में जेसीबी मशीनों का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है। बतादें कि साल 1945 में जेसीबी ने अपने पहले मशीन के तौर पर एक टिपिंग ट्रेलर को लांच किया था जिसकी कीमत उस वक़्त लगभग 4000 रुपये थी।
दुनिया का सबसे तेज ट्रेक्टर भी जेसीबी ने बनाया था :-
यही नही जेसीबी ही वो कंपनी थी जिसने साल 1991 में दुनिया का सबसे पहला और सबसे तेज ट्रेक्टर “फास्ट्रैक” बनाया था जिसकी अधिकतम रफ्तार 65 किलोमीटर प्रति घंटा थी। आपको जानकर हैरानी होगी कि साल 1948 के दौरान इस कंपनी में केवल 6 कर्मचारी काम किया करते थे पर आज के समय में यहां कुल 11 हजार के आसपास कर्मचारी है जो पूरे विश्व में काम कर कंपनी का नाम रौशन कर रहे हैं।
इस कारण किया जाता है मशीनों का रंग पीला :-
बात करें अगर जेसीबी के मशीनों के रंग की तो शुरुवात में इन मशीनों को सफेद व लाल रंग में बनाया जाता था मगर बाद में इसे कंपनी ने बदलकर पीला कर दिया और अब ये कंपनी अपनी सभी मशीनों को पीले रंग की ही बनाती है। जिसके पीछे की वजह ये है कि पीले रंग की जेसीबी को खुदाई स्थल पर आसानी से दूर से देखा जा सकता है और इससे लोगों को पता लग जाता है कि यहां पर जेसीबी की खुदाई का काम चल रहा है।
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