मालिक का दुलारा है यह घोडा, मानते हैं पुत्र की तरह, जन्मदिन पर काटा 50 पाउंड का केक

एक और जहा पूरी दुनिया में अधिकतर लोग जानवरो और मूक प्राणी के प्रति क्रूर होते जा रहे, ऐसे में सहरसा के गोलू यादव ने एक मिसाल पेश की। सहरसा के गोलू यादव ने अपने घोड़े का जन्मदिन बहुत ही धूमधाम से मनाया, आतिशबाजियां भी फोड़ी गईं और एक बड़ा सा केक काटा गया।

आज भारत सहित विश्वभर के कई देश पर्यावरणीय संकट का सामना कर रहे हैं। कई सारे अद्भुत जीव जंतु की नस्लें विलुप्त होने की कगार पर है । पिछले सौ सालों में कई सौ प्रजातियां नष्ट हो गईं जो कभी कुदरत की इस धरती को अपनी विविधता से गुलजार करती थी। अभी भी कई सारी प्राजातिया अपने अस्तित्व को बचाने की लड़ाई लड़ रही है।

कुदरत ने इंसान और उसके साथ ही करोडो जीव बनाये। धरती के इस प्रांगण में सबको जीने का हक़ दिया गया लेकिन आद्योगिकीकरण और विकास की होड़ में इंसान इस कदर अँधा जो गया कि उसे समझ ही नहीं आया कि उसे नष्ट कर रहा है जिससे उसका वजूद चल रहा है। लगातार प्रकृति से की जा रही छेड़छाड़ का अंजाम आखिरकार पूरी दुनिया को कोरोना त्रासदी के रूप में भुगतना पड़ा।

ऐसे माहौल में और ऐसे क्रूर और संवेदनाशून्य माहौल में सहरसा के पंचवटी चौक के गोलू यादव ने जो पशु प्रेम दिखाया है, वह अगर कुछ लोगो में भी पशुओ के प्रति संवेदना जगाने में कामयाब हुआ तो मूक प्राणी जो अपना दर्द बयां नहीं कर सकते उनकी हिफाजत होगी।

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चेतक है घोड़े का नाम

गोलू ने सोमवार की शाम एक शानदार पार्टी का आयोजन किया जिसमें 50 पाउंड का केक बनवाया गया था। इस केक पर उनके घोड़े जिसे वे बड़े प्यार से चेतक कहते है कि तस्वीर बनी थी और नाम भी लिखा था। चेतक को दूसरे सालगिरह की तयारी के लिये गोलू और उनके परिवार ने खास इंतजाम की थी।

पहले चेतक को नहाकर सजाय गया फिर उसके केक को मालिक ने काटा और भव्य पार्टी की गई। खूब अतिशबाजिया छोड़ी गया, ऐसा लग रहा था जैसे कि किसी इन्सान का विवाह समारोह हो।गोलू अपने घोड़े को घोडा नहीं बल्कि अपने परिवार का सदस्य मानते हैं, वे उसे अपने पुत्र की तरह मानते हैं और दुलारते हैं। उन्होने कहा कि जानवर को जानवर नहीं बल्कि परिवार का सदस्य माना जाना चाहिये।

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