काबुल से भारतीय राजदूत समेत 120 लोगों को लाया गया वापस, अमेरिकी मदद आई काम

अफगानिस्तान पर तालिबान का पूरी तरह कब्ज़ा हो चुका है। अब वहाँ की खराब स्थिति को देखते हुए कई देश वहाँ से अपने नागरिको को सुरक्षित निकाल रहे हैं। वहाँ से अपने लोगों को वापस लाने वाले देशों मे अमेरिका भी शामिल है। अमेरिका ने अपने सैनिको को भी बुलाना शुरू कर दिया है। भारत भी अफगानिस्तान मे फंसे अपने नागरिकों को वापस से भारत लाने के तेज अभियान चला रही है। भारतीय वायुसेना का सी-17 ग्लोबमास्टर विमान काबुल से गुजरात के जामनगर आ चुका है। भारतीय राजदूत समेत 120 से अधिक अधिकारियों को इस वायुयान से भारत लाया गया है। कल देर शाम मे ही कर्मचारियो को हवाई अड्डे के सुरक्षित इलाकों में पहुंचा दिया गया था। इससे पहले सोमवार को सी-17 ग्लोबमास्टर विमान करीब 150 लोगों को लेकर भारत पहुंच चुका है।

बता दे कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद कई देशों ने वहाँ अपने दूतावास बंद कर दिए हैं। सऊदी अरब ने भी काबुल में स्थित उसके दूतावास से सभी राजनयिकों को निकाल लिया है। न्यूजीलैंड अपने लोगों को वापस लाने के लिए विमान भेज चुकी है। लेकिन रूस और चीन द्वारा अभी अफगानिस्तान में अपने दूतावास बंद करने की कोई सूचना नहीं है जबकि अमेरिका द्वारा ना केवल वहाँ स्थित अपने दूतावास को बंद करने का ऐलान किया गया है बल्कि अपने कर्मचारियों को भी बाहर निकालने में जुटा हुआ है।।

काबुल एयरपोर्ट पर हजारों की संख्या मे थे लोग

अफगानिस्तान पर तालिबान द्वारा कब्जा किये जाने के बाद काबुल एयरपोर्ट पर हजारों की संख्या में लोग पहुंचे रहे हैं, जबकि काबुल एयरपोर्ट से सभी कमर्शियल फ्लाइट्स पर रोक लगा दी गई है। इस खबर के बाद एयर इंडिया ने सोमवार को काबुल से उड़ान भरने वाली अपने फ्लाइट रद्द कर दिया है। कई अन्य एयरलाइनों द्वारा अफगानी वायुक्षेत्र से बचने के लिए भारत और पश्चिमी देशों के बीच अपनी उड़ानों का मार्ग बदल दिए जाने की खबर है।

अमेरिकी मदद से वापस लौटे

अपने नागरिको को अफगानिस्तान से वापस लाने के लिए भारत ने वायुसेना के दो सी-17 ग्लोबमास्टर विमानों को काबुल रवाना किया था। सूत्रों के मुताबिक काबुल एयरपोर्ट पर लोगों बड़ी भीड़ थी जिसके कारण वहां विमानों की लैंडिंग नहीं की गई। विमान की लैंडिंग ताजिकिस्तान के एक एयरपोर्ट पर की गई। अमेरिकी बेड़े की सहायता से विमान काबुल पहुंच सका। वहां से एक विमान द्वारा ईरानी वायुक्षेत्र के मार्ग से करीब 150 लोगों को लेकर सोमवार को हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर पहुंचा।

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