बिहार (Bihar) में दुनिया का सबसे बड़ा विराट रामायण मंदिर (Ramayana Temple) बनने वाला है। इस मंदिर को लेकर हाल ही में एक ऐसी खबर सामने आई, जिसने सामाजिक सद्भाव और आपसी भाईचारे की एक बड़ी मिसाल पेश की। ऐसे में जहां देशभर में सांप्रदायिकता, कट्टरता, धार्मिक उन्माद और आपसी भेदभाव की खबरें लगातार सुर्खियां बटोर रही हैं, तो वहीं बिहार के इस भाईचारे की खबर ने हर किसी के दिल को जीत लिया है। दरअसल बिहार में बन रहे दुनिया के सबसे बड़े रामायण मंदिर के लिए एक मुस्लिम परिवार ने अपनी 23 कट्ठा जमीन दान दी है। यह परिवार इश्तेयाक अहमद खान (Ishtiaq Ahmad Khan) का है। इन्होंने रामायण मंदिर के निर्माण (World Bigest Ramayana Temple) के लिए ढाई करोड रुपए से ज्यादा मूल्य की अपनी 23 कट्ठा यानी 71 डिसमिल जमीन ट्रस्ट को दान में दी है।
एकता का प्रतीक है इश्तेयाक अहमद
इश्तेयाक अहमद खान के परिवार ने 23 कट्ठा जमीन ट्रस्ट को दान करते हुए केसरिया निबंधन कार्यालय में निबंध करवाया है। बता दे दुनिया का यह विशाल रामायण मंदिर बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के कैथवलिया में बनने वाला है। पटना महावीर के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने इस मंदिर से जुड़ी जानकारी को साझा करते हुए बताया कि रामायण मंदिर निर्माण के लिए एक मुस्लिम परिवार में बड़ी भूमिका निभाते हुए अपनी जमीन दान में नहीं दी होती, तो मंदिर का निर्माण कार्य संभव नहीं होता।
कौन है इश्तेयाक अहमद?
महावीर मंदिर के सचिव ने यह भी कहा कि विराट रामायण मंदिर के निर्माण के लिए जमीन देने की शुरुआत इश्तेयाक अहमद के परिवार ने की थी। साथ ही दूसरे लोगों ने जमीन खरीद के लिए जमीन की कीमत को उन्होंने आपसी सहमति से कम करवाया था। बता दे रामायण मंदिर के निर्माण में जमीन दान में देने वाले इश्तेयाक अहमद खान का परिवार जमींदार घराने से जुड़ा हुआ है। इश्तेयाक अहमद असम के गुवाहाटी में एक बड़े कारोबारी है।
मंदिर के निर्माण कार्य को लेकर खुशी जाहिर करते हुए इश्तेयाक अहमद ने कहा कि- हमारे गांव में दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर निर्माण कार्य हो रहा है। इसके लिए अगर हम साथ नहीं देंगे तो कौन साथ देगा… आज कुछ लोग हिंदू-मुस्लिम को बांटने में लगे हुए हैं, पर हम सभी लोगों के बीच प्रेम बना हुआ है। सभी लोग साथ मिलकर रहेंगे तो कोई भी हम में फूट नहीं डाल सकता।
विश्व का सबसे बड़ा रामायण मंदिर
बता दे बिहार के पूर्वी चंपारण में बन रहे इस भव्य विराट रामायण मंदिर की ऊंचाई 270 फीट होगी। यह हिंदू मंदिर दृष्टिकोण से विश्व की सर्वाधिक ऊंचाई ।है इसकी लंबाई 1080 फीट और इसकी चौड़ाई 540 फीट है। मंदिर परिसर में तीन तरफ सड़क है। अयोध्या से जनकपुर तक बन रहा राम जानकी मार्ग इस विराट मंदिर से होकर गुजरेगा। इसी मार्ग पर केसरिया बौद्ध स्तूप भी स्थापित। साथ ही इस विराट रामायण मंदिर में दुनिया के सबसे बड़े शिवलिंग की स्थापना भी की जाएगी। आचार्य किशोर कुणाल के मुताबिक 33 फीट ऊंचा और 33 फीट व्यास के आकार के शिवलिंग का निर्माण ब्लैक ग्रेनाइट से किया जा रहा है।
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