क्या है बिहार का होम आइसोलेशन ट्रैकिंग Covid App, जिसकी पीएम ने की है बड़ाई

बिहार में कोरोना वायरस से निपटने के लिए बिहार सरकार कई कदम उठा रही है इस कदम में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की विस्तृत जानकारी लेने तथा मरीजों तक सुविधाएं पहुंचाने के लिए एक ऐप का सहारा लिया गया है जिसका नाम होम आइसोलेशन ऐप है। इस ऐप ने कोरोना से निपटने में बिहार सरकार की काफी मदद की है, यही वजह है कि अब बिहार के इस ऐप को राष्ट्रीय स्तर पर लागू पर विचार किया जा रहा है। पिछले दिनों देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोराना से निपटने के लिए देशभर के 9 राज्यों के 46 जिला अधिकारियों से बातचीत किया था। इस वर्चुअल बातचीत में नरेंद्र मोदी ने जिलाधिकारियों से कोरोना से निपटने के लिए की जाने वाली तरीकों के बारे में तरीको की जानकारी लिए थे।

इसी दौरान बिहार के इस आइसोलेशन ट्रैकिंग ऐप की भी चर्चा हुई। पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि पटना में कोरोना के मामले को निपटने में होम आइसोलेशन ट्रैकिंग ऐप की बड़ी भूमिका रही है। इसके जरिए रियल टाइम में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की तत्काल जानकारी मिल जाती है। इतना ही नहीं मरीजों की स्थिति के अनुसार उनके उचित उपाय भी किए जा सकते हैं।

राष्ट्रीय स्तर पर होगा लागू

पीएम मोदी ने इस संवाद में बिहार के इस ऐप की जानकारी मिलने के बाद कहा कि यह ऐप अब पूरे देश में कोरोना से लड़ने में कारगर होगा। इस ऐप का उपयोग आशा कार्यकर्ता के माध्यम से किया जा सकता है। पीएम मोदी ने स्वास्थ्य मंत्री को मंत्रालय को यह निर्देश दिया कि बिहार के इस ऐप का विस्तृत अध्ययन कर इससे राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जाए ।

आगे पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने पीएम मोदी से बात करते हुए कहा कि पटना के बीहटा में कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी ) अस्पताल में 500 बेडों की क्षमता है। लेकिन अभी यह सभी बैठ ऑक्सीजन युक्त नहीं है। सेना के डॉक्टरों के द्वारा सिर्फ 100 बेडों का ही इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बरौनी रिफाइनरी में लिक्विड ऑक्सीजन का भी उत्पादन शुरू कर दिया गया है ताकि लोगों को इसका फायदा मिल सके।

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ऐसे काम करता है यह ऐप

आपको बता दें कि बिहार का होम आइसोलेशन ट्रैकिंग कोविड ऐप के जरिए स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर पर आइसोलेट कोरोना के मरीज के पास जाकर उनके शरीर के तापमान और ऑक्सीजन लेवल की जांच करेंगे। जिसके आधार पर उनका उचित समय में उचित इलाज हो सकेगा। इस परीक्षण के दौरान यदि उनका ऑक्सीजन 94 से कम पर आ जाता है तो उन्हें आवश्यकता के अनुसार डेडीकेटेड हेल्थ सेंटर में समय पर भर्ती कराकर उचित इलाज भी कराया जा सकेगा।

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