बिहार की सीमा में शराब लेकर प्रवेश करने वाली गाड़ियों में लगेगा डिजिटल लॉक, जानें कैसे काम करता है डिजिटल लॉक

राज्य कैबिनेट की बैठक में बिहार सरकार द्वारा उत्पाद अधिनियम कानून को और प्रभावी बनाने के लिए कई सारे फैसले लिए गए। इन फैसलों के तहत अब बिहार की सीमा में आने वाली शराब ढुलाई से जुड़ी गाड़ियों में डिजिटल लॉक लगाने का प्रावधान किया गया है। पहले भी डिजिटल लॉक की प्रक्रिया ट्रायल के आधार पर चल रही थी, लेकिन अब इस नियम को राज्य में प्रभावी बना दिया गया है। शराब या शराब से जुड़ी हुई सामग्री की गाड़ी जैसे ही दूसरे राज्यों से बिहार की सीमा में प्रवेश करेंगी की सीमा में प्रवेश करेंगी और उन गाड़ियों में डिजिटल लॉक लगाया जाएगा।

डिजिटल लॉक की प्रक्रिया बेहद ही आसान होती है। इसके लिए सबसे पहले ट्रांसपोर्ट ऑपरेटरों को डिजिटल लॉक के लिए 24 घंटे के लिए एक निर्धारित शुल्क जमा करना पड़ता है। जैसे ही डिजिटल लॉक लगाया जाता है , उस गाड़ी का एक केस नंबर मैसेज के जरिए जेनेरेट होता है जो मैसेज पटना में उत्पाद विभाग के हेडक्वार्टर में चला जाता है। और फिर सम्बंधित गाड़ी की ट्रैकिंग की जाती है।

डिजिटल लॉक के माध्यम से गाड़ी की निगरानी की जाती है। लॉक लगी गाड़ी के लिए अनिवार्य होगा है कि 24 घंटे की समय सीमा में बिहार की सीमा से बाहर निकल जाएं। निर्धारित समय सीमा के अंदर यदि ऐसी गाड़ी बिहार की सीमा से नहीं निकलती है तो उस पर जुर्माना लगाया जाता है। इसके साथ ही पूरी गाड़ी के रूट की ट्रैकिंग की जाती है। बिहार में शराबबंदी कानून का सख्ती से पालन हो इसके लिए राज्य सरकार ने डिजिटल लॉक की प्रक्रिया को अब कानूनी रूप दे दिया है। उम्मीद है कि इस प्रावधान के लागू होने शराब की तस्करी में कमी आएगी ।

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