बिहार के इन तीन जिलों से गुजरेगा वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे, बंगाल और झारखंड की दूरी होगी कम

इस साल के दिसंबर तक वाराणसी से कोलकाता होते हुए रांची एक्सप्रेस वे का निर्माण शुरू हो जाएगा। फिलहाल एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए अलाइनमेंट निर्धारित हो चुका है। भू-अर्जन की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। लगभग 24 हजार 275 करोड़ की राशि खर्च कर 986 किलोमीटर लंबाई में बनने वाला यह एक्सप्रेसवे बिहार के 3 जिलों से होकर गुजरेगा। राज्य के औरंगाबाद, रोहतास और कैमूर जिले से होकर यह एक्सप्रेसवे गुजरेगा। एक्सप्रेस वे के बन जाने से इन जिलों के लोगों के लिए कोलकाता तक आवागमन में लगभग 50 प्रतिशत कम समय लगेगा। साथ ही बिहार को यूपी, पश्चिम बंगाल और झारखंड से नया कनेक्टिविटी मिलेगा। इससे लोगों को सहूलियत होगी।

सूत्रों के मुताबिक, भारतमाला प्रोजेक्ट के दूसरे फेज में निर्माण होने वाले इस एक्सप्रेस की शुरुआत वाराणसी रिंग तथा  नेशनल हाईवे-19 के जंक्शन से होगी। यह मुगलसराय, औरंगाबाद, सासाराम, शेरघाटी, चतरा, रामगढ़, बोकारो, हजारीबाग, पुरुलिया होते हुए हावड़ा के नजदीक उलूबेरिया तक जाएगी। इस अलाइनमेंट में रांची और खड़गपुर जाने के लिए अलग से 85 किलोमीटर लंबी लिंक सड़क का निर्माण होगा। बता दें कि पूरा सड़क ग्रीन फील्ड होगा। फिलहाल देश में टोटल 50 एक्सप्रेसवे हैं, जिन पर गाड़ियां 120 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से सरपट दौड़ती हैं। इस एक्सप्रेस वे पर भी लगभग 120 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से गाड़ियां दौड़ेगी।

जानकारी के मुताबिक इस एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए दो अलाइनमेंट का प्रस्ताव दिया गया था। इससे कम दूरी और अधिक शहरों को कनेक्टिविटी मिलने वाले अलाइनमेंट को स्वीकृति दी गई है। फिलहाल बिहार के तीन जिलों से गुजरने वाले इस एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि अधिग्रहण हेतु स्थानीय प्रशासन ने एनओसी मांगा है। बरसात खत्म होने के तुरंत बाद जिला प्रशासन भू अर्जन की प्रक्रिया शुरू कर देगी। इस बाबत जिला प्रशासन अभी से ही तैयारी में जुट गई है। जमीन मालिकों से दावा और अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने के बाद जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू होगी।