vande bharat express delhi to bihar : मिनी बुलेट ट्रेन का मजा देने वाली भारतीय रेलवे (Indian Rainway) की वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन (Vande Bharat Express) और लोगों को रेलवे पटरी पर रफ्तार के सफर का मजा देना शुरू कर दिया है। फिलहाल वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन (Vande Barat Express Train) को केवल 2 रूटों दिल्ली से वाराणसी और दिल्ली से वैष्णो देवी कटरा के लिए से चलाया जा रहा है। इस सेमी हाई स्पीड ट्रेन का संचालन जल्द ही देश के अन्य स्टेशनों पर भी शुरू हो जाएगा। इस ट्रेन की स्पीड बुलेट ट्रेन (Bullet Train) के मुकाबले करीब आधी बताई जा रही है। रेलवे अब इस मामले में कुछ नई तैयारियां कर रहा है, जिस के लिहाज से जल्द ही उत्तर प्रदेश से बिहार के रास्ते झारखंड तक वंदे भारत का परिचालन (Vande Bharat Route In Bihar-Jharkhand) शुरू हो सकता है।
200 किलोमीटर प्रति घंटा है वंदे भारत की स्पीड
वंदे भारत ट्रेन दूसरी ट्रेनों के मुकाबले काफी तेज रफ्तार में पटरी पर दौड़ती नजर आती है। आंकड़ों के आधार पर करें तो बता दे वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की अधिकतम स्पीड 200 किलोमीटर तक की है। हालांकि इस ट्रेन को अपने देश में फिलहाल 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाने की अनुमति दी गई है। इसके पीछे का कारण रेलवे पटरियों की क्षमता को बताया गया है। वही अब धीरे-धीरे विभाग नई रेलवे पटरियों की क्षमता को बढ़ाने का काम तेजी से चल रहा है।
रेलवे ट्रैक को कवर करेगा विभाग
रेलवे सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस को चलाने के लिए रेल पटरियों के बीच पहले से ही अधिक मजबूत पिलर लगाने का काम कर रहा है। इसके साथ ही रेलवे विभाग एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में रेलवे पटरियों के दोनों तरफ चारदीवारी बनाकर आरक्षित क्षेत्र को रोकने के लिए भी काम कर रहा है। तीसरा और बेहद अहम कदम रेलवे की ओर से यह उठाया गया है कि वंदे भारत ट्रेन के रेल रूट को कवच प्रणाली से सुरक्षित किया जा रहा है।
कम होंगे दुर्घटना के मामले
गौरतलब है कि पूर्व मध्य रेल के 417 किलोमीटर लंबे डीडीयू – मानपुर- प्रधानखंटा रेलखंड पर ट्रेन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए इस रेलखंड की कवच प्रणाली को संरक्षित किया जा रहा है, जिसके तहत इस खंड पर ट्रेनें एक-दूसरे से नहीं टकराएंगी। ऐसे में रेलवे द्वारा यात्रियों के सफर को और भी ज्यादा सुरक्षित बनाया जा सकता है।
208 करोड़ की लागत से होगा काम
रेलवे के मिशन रफ्तार के तहत इस प्रणाली से संरक्षित करने में लगभग 208 करोड रुपए की लागत अनुमानित तौर पर निर्धारित की गई है। इसे वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के परिचालन से भी जोड़कर देखा जा रहा है। साथ ही सुरक्षा को बढ़ावा देने एवं क्षमता में वृद्धि करने के लिए एक सुरक्षित शौचालय ट्रेन सुरक्षा प्रणाली कवच के अंतर्गत लाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। इस मामले पर जनसंपर्क अधिकारी वीरेंद्र कुमार का कहना है कि 4 चरणों में पूरा होने के बाद परियोजना के प्रथम चरण पर काम शुरू हो जाएगा, जिसमें सोननगर से गया तक सबसे पहले काम की शुरुआत होगी। इस पूरी परियोजना को साल 2024 के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
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