तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख, सिर्फ तारीख मिलती है माय लॉर्ड लेकिन इंसाफ नहीं मिलता। इसी तरह तबादला ही तबादला, तबादला ही तबादला सिर्फ तबादला ही मिलता है पर कहीं एक जगह पोस्टिंग नहीं मिलती। किसी भी सिविल सर्वेंट का तबादला केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर करते हैं। इन तबादलों से कोई अधिकारी इनकार भी नहीं कर सकता। हाल ही में बिहार के आईएएस अफसर मोहम्मद शफीउल हक ने अपने ट्रांसफर को अफसोस जनक बताते हुए कहा कि उनका कोई गॉडफादर नहीं है इसलिए उनका बार-बार ट्रांसफर होता है। आज हम इस आर्टिकल के जरिए देश के कुछ ऐसे आई IAS-IPS के बारे में बात करेंगे जिन्होंने एक नहीं बल्कि 40-50 ट्रांसफर झेले हैं।
विनीत चौधरी
इस लिस्ट में सबसे पहला नाम आता है कि हिमाचल प्रदेश के 1982 आईएएस बैच के अफसर विनीत चौधरी का. जिन्हें 31 साल के करियर में 52 बार ट्रांसफर किया गया और इस तरह सबसे ज्यादा ट्रांसफर पाने वाले आईएएस अफसर की लिस्ट में विनीत चौधरी का नाम भी शामिल है।
अशोक खेमका
1991 बैच के अफसर अशोक खेमका का जन्म कोलकाता में हुआ था। उन्होंने आईआईटी खड़कपुर से Btech की पढ़ाई की है। साल 1993 में उनकी पहली पोस्टिंग हुई थी उसके बाद एक ही राज्य में उनका 53 ट्रांसफर हो चुका है। अपनी पहली ही पोस्टिंग से लेकर अशोक खेमका अभी तक हरियाणा में ही तैनात है।
अशोक खेमका सबसे ज्यादा सूचना एवं प्रौद्योगिकी और प्रशासनिक सुधार विभाग में रहे हैं। इनका सबसे लंबा कार्यकाल 10 जुलाई 2008 से 27 अप्रैल 2010 का है। इस दौरान अशोक खेमका पंचकूला के वेयरहाउस कॉरपोरेशन लिमिटेड में बतौर मैनेजिंग डायरेक्टर रहे।इन दोनों विभागों में इनका चार-चार बार ट्रांसफर हो चुका है। अशोक खेमका की एक खास बात रही की ये जिस विभाग में रहे उन में होने वाले गलतियों का उन्होंने खुलकर विरोध किया।
साल 1991 से 2019 तक जितने भी हरियाणा में मुख्यमंत्री आए सब ने उनका ट्रांसफर किया। हाल तो अब यह है कि इसके बारे में पूछा जाता है कि किस मुख्यमंत्री के कार्यकाल में इनका कितने बार ट्रांसफर हुआ। आपको बता दें कि वर्तमान में खट्टर सरकार में अब तक उनका 6 ट्रांसफर हो चुका है वहीं हुड्डा के 10 साल के कार्यकाल में 21 तो ओपी चौटाला के कार्यकाल में उनका 10 ट्रांसफर हो चुका है वहीं भजनलाल सरकार में 5 बार तो बंसीलाल सरकार में 7 ट्रांसफर हो चुका है।
प्रदीप कासनी
सबसे ज्यादा ट्रांसफर होने के लिस्ट में इनका नाम सबसे ऊपर आता है। प्रदीप कासनी हरियाणा कैडर के अफसर हैं 34 साल की उम्र में उन्होंने 71 ट्रांसफर झेले हैं। रिटायरमेंट के 6 महीने बाद भी ना तो उन्हें कोई भत्ता मिला है ना कोई सैलरी। आपको बता दें कि प्रदीप कासनी साल 1997 में आईएएस बने थे। 1984 में पहली पोस्टिंग के बाद लगातार उनका ट्रांसफर होता रहा है। प्रदीप कासनी 1980 बैच के अफसर रहे हैं।
मोहम्मद शफी उल हक
मोहम्मद शफी उल हक का हाल ही में ट्रांसफर हुआ है उन्होंने कहा कि अगर मेरा कोई गॉडफादर होता तो इतने ट्रांसफर ना होते। आपको बता दें कि मोहम्मद शफी उल हक की 27 साल की नौकरी में 21 बार ट्रांसफर हो चुका है।
लोकेश जांगिड़
लोकेश जांगिड़ अपनी 4 साल की नौकरी में अब तक 8 बार ट्रांसफर झेल चुके हैं। वह लगातार ट्रांसफर झेल रहे हैं. हाल ही में ट्रांसफर होने के बाद उन्होंने अफसरों के एक व्हाट्सएप ग्रुप में विधि व्यवस्थाओं को लेकर गंभीर सवाल उठा दिया था। आपको बता दें कि लोकेश कुमार साल 2014 बैच के अफसर है।
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